संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
.

जिंदल-भूषण-मित्तल विरोधी आंदोलन

जल, जगल, जमीन, खनिज की लूट के विरोध में झारखण्ड में जनअभियान तेज

पूरी दुनिया में प्राकृतिक संसाधनों की लूट मची हुई है। नदी - झरना, खेत-खान, जंगल-पहाड़, सागर-आकाश, हवा-रोशनी सभी पर पूंजीपति कब्जा करतें जा रहे है। किसानों, मजदूरों तथा अन्य सभी मेंहनतकाशों के भोजन, वस्त्र, आवास, शिक्षा, स्वास्थ, पहचान, रोजगार, आत्मसम्मान पर अभूपूर्व हमला हो रहा है। जो अंचल जितना ज्यादा संसाधनों से भरा - पूरा है, वहां उतना ही बड़ा…
और पढ़े...

जिंदल, जंगल और जनाक्रोश: 2008 का पुलिस दमन नहीं भूलेंगे रायगढ़ के लोग

रायगढ़ में 5 जनवरी को काला दिवस मनाया गया। यह आयोजन 2009 से हर साल इसी तारीख को मनाया जाता है ताकि 2008 में…

दयामनी बारला : फौलादी इरादों वाली भारतीय महिला

दयामनी बारला को आज जमानत मिल गई है इस मोके पर हमें जश्न मनाने से ज्यादा इस बात पर गौर करना चाहिए कि सामाजिक कार्यकर्ताओं, मनावाधिकर्मियों और दुसरे संघर्षशील साथियों को फर्जी मुकदमों में फ़साये जाने का ये सिलसिला और दमन चक्र कैसे रुके. क्योंकि मामला किसी एक दयामनी का नहीं है... उन्हें छह साल पुराने मामले में उन्होंने गुज़री 16 अक्टूबर को आत्मसमर्पण…
और पढ़े...

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव के नाम जनसुनवाई पर आपत्ति पत्र-

झारखंड के पोटका प्रखंड के लोग पिछले सात वर्षों से भूषण कंपनी का कारखाना लगने का विरोध करते आ रहे हैं। इस विरोध के…

पोटका में भूषण स्टील प्लांट के खिलाफ 22 सितंबर से धरना जारी …

भूषण पावर एंड स्टील की ओर से पोटका में प्रस्तावित प्लांट को लेकर 24 सितंबर को जनसुनवाई का आयोजन किया गया…

पूर्वी सिंहभूम, झारखण्ड से पोटका आंदोलनः एक इतिहास

भाग- 1झारखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सत्ता पर बैठते ही विकास के नाम पर यहां के प्राकृतिक संसाधनों का भरपूर दोहन करने की पूरी योजना बना ली थी। उन्होंने इसकी शुरूआत 2001 में औद्योगिक नीति से की जिसके तहत हजारीबाग जिले के बरही से पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा तक मुख्य सड़क के दोनों ओर 5-5 किलो मीटर तक विशेष अर्थिक…
और पढ़े...

सर्वे टीम को वापस किया आदिवासी महिलाओं की एकजुटता ने

पश्चिम सिंहभूम (झारखण्ड) जिले के नोआमण्डी ग्राम पंचायत क्षेत्र के गांव से सरकारी सर्वे टीम को गांव की आदिवासी…

पुलिस के संरक्षण में अंगुल में जिंदल स्टील के सुरक्षा गार्ड तथा गुंडों द्वारा…

सरकारी दमन और कारपोरेट हिंसा का सामना करते हुए ओडिसा के तमाम जन संघर्ष अपने वन, जल, भूमि, खनिजों और अन्ततः अपने…

भूमि अधिग्रहण तथा प्रस्तावित योजना के बारे में जानकारी लेने की कोशिश सूचना अधिकार की दश: एक भुक्त भोगी का अनुभव

मित्तल विरोधी आंदोलन की जुझारू नेता, स्वतंत्र पत्रकार तथा आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच की नेता दयामनी बारला के इस बांध की परियोजना के संम्बंध में ’सूचना पाने’ के प्रयासों के अनुभव कुछ इस प्रकार के हैं- इस योजना के बारे में जल संसाधन विभाग तथा विशेष भू-अर्जन विभाग क्या कहता है-यह हैरान तथा चौंकाने वाली बात है। इसको समझने के लिए मैंने 5 फरवरी…
और पढ़े...