संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन

नर्मदा किसानी बचाओ जंग का हुआ आगाज : 4 जून को भोपाल में ‘जन अदालत’

29 जून, 2018| बड़वानी, मध्य प्रदेश : आज नर्मदा किनारे से बड़वानी के झंडा चौक से निकली हैं दसोंगाड़ियाँ। किसान, मजदूर, मछुआरे, केवट, धनगर और कारीगर भी शामिल है। इस आदिवासी क्षेत्र के हम भाई, बहन और सभी एकजुटता से अपनी माँ नर्मदा को बचाना चाहते हैं। हमें पता है क्यों सूख रही है नर्मदा। हमें पता है कहाँ मोड़ रहे हैं नर्मदा का पानी। हमें पता है सरदार…
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हाइकोर्ट ने 2012 में करछना भूमि अधिग्रहण रद्द कर दिया परंतु सरकार अभी भी लगी है जमीन हड़पने के खेल में !

13 मार्च 2018 को किसान कल्याण संघर्ष समिति करछना एवं जन संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले इलाहबाद जिले के करछना में राज्य दमन और जबरन भूमि अधिग्रहण के विरोध में राज्यस्तरीय सम्मेलन आयोजित किया। ज्ञात रहे कि करछना के किसान पिछले 2010 से जेपी पॉवर प्लांट के भूमि अधिग्रहण के विरोध में संघर्ष कर रहे है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 13 अप्रैल 2012 को…
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पेसा : आदिवासी क्षेत्रों में परंपरागत स्वशासन को क़ानूनी मान्यता देने वाला कानून

-घनश्याम पेसा कानून संविधान संधोशन से बना एक ऐसा कानून है जिसे लोकसभा और राज्य सभा ने भारी बहुमत से पारित किया था 1996 में। 24 दिसंबर 1996 को पारित यह कानून महज कानून नहीं है बल्कि आदिवासी इलाके खासकर पांचवीं अनुसूची के आदिवासी इलाके के लिए परंपरागत ढंग से जीने का एक संविधान है। पेसा कानून का अर्थ है- ''पंचायत राज एक्सटेंशन टू…
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जमीन अधिग्रहण के लिए सरकारी दबाव से डरें नहीं : जवाब में उठाए जा सकते हैं यह कदम

जब आप अपनी जमीन बचाने के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं और प्रशासनिक अधिकारी या पुलिस अधिकारी आपके ऊपर जमीन अधिग्रहण के लिए दबाव बनाएं या धमकी दें कि आपके नाम पर मुकदमा दर्ज किया जा सकता है तब आप क्या करें? पढ़ें एसी प्रवीन कुमार भगत की रिपोर्ट; सबसे पहले तो आप बिल्कुल भी न डरें। निडर होकर उनके FIR लिखने से पहले आप प्रशासनिक अधिकारी या…
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