संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

राजस्थान : 1 हफ्ते में खेती की जमीन खाली करने का फरमान जारी किया झुंझुनू जिला कलेक्टर रवि जैन ने

बशीर बद्र ने कहा था, “लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में”। बशीर बद्र का यह शेर 1 नवंबर 2019 को राजस्थान के झुनझुनू जिले के नवलगढ़ तहसील के गोठड़ा गांव में देखने को मिला जहां पर जनता के सेवक माननीय कलेक्टर रवि जैन साहब गांववालों को चेतावनी देते दिखे कि गांववाले एक हफ्ते के अंदर पीढ़ियों से बसी अपनी पुरखों की बसावट छोड़ कर चले जाएं वरना परिणाम अच्छा नहीं होगा। इस चेतावनी और जमीन खाली करने की वजह यह है कि राजस्थान सरकार इस इलाके की जमीन तीन उद्योगपतियों- बांगड़, बिड़ला और आईसीएल को सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए भेंट कर चुकी है। कलेक्टर ने धमकी दी है कि लोग यदि जमीन खाली नहीं करेंगे तो पुलिस अपनी कार्यवाही करेगी और जबरन जमीन खाली करवाई जाएगी। जब लोगों ने कहा कि हमने अपनी जमीन और मकान नहीं बेचा तो कलेक्टर ने कहा कि तुम बेचो या ना बेचो, रिको ने यह जमीन सीमेंट फैक्ट्री के लिए अलॉट कर दी है, अब तुम्हें खाली करना ही होगा।

पत्रकारों से बात करते समय कलेक्टर रवि जैन बहुत ही बेशर्मी से कहते हैं कि लोगों को मुआवजा दिया जा चुका है अब उनको अपने खेत, मकान, ट्यूबवैल आदि छोड़ने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। यह बयान देते वक्त रवि जैन यह भूल जाते हैं कि एक खेत और मकान बनाने में सिर्फ पैसा नहीं लगता। लगता है खून-पसीना। लेकिन उद्योगपतियों की चाकरी करने वाली यह सरकारें और प्रशासन की नजर में आम जनता का खून-पसीना पानी से भी सस्ता होता है। जरा कल्पना कीजिए जिन जमीनों पर पीढ़ियों से लोग खेती करते आए हैं, जहां पर एक संस्कृति पनपती है। जहां त्यौहारों पर रंग-बिरंगे कपड़ों में सजी महिलाएं, पुरुष, बच्चे खुशी से उमगते नजर आते हैं। जहां दूर-दूर तक जिधर भी नजर जाती है किसान के पसीने से उगाई गई फसल और हरियाली लहलहाती हुई दिखती है, जहां हर तरफ खेत, मंदिर, तलाब और पशु दिखते हैं। उस इलाके को सरकार सीमेंट फैक्ट्री की धूल और गंदगी से भर देना चाहती है और इसको कहेंगे विकास।

जो सरकार इन उद्योगपतियों को मात्र जमीन नहीं बल्कि हर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए तत्पर है, उसी सरकार का एक नुमाइंदा कहता है कि जनता को पैसा मिल गया है उसको अब यहां से चले जाना चाहिए लेकिन कहां चले जाना चाहिए यह वह नहीं बताते हैं। नवलगढ़ तहसील की आम जनता कहां जाकर खुद को बसाएगी इस बात से न रिको को मतलब है न कलेक्टर को और न ही राजस्थान सरकार को। आज के दौर में हम इस बात से भली भांति जानते हैं कि देश का कोई कोना ऐसा नहीं है जहां जनता उजाड़ी नहीं जा रही है। गांवों में कंपनियों के लिए जमीन के नाम पर तो शहरों में स्मार्ट सिटी के नाम पर। ऐसे में यह पूरा समुदाय अपनी जिंदगी. अपनी संस्कृति और अपने पुऱखों का टोकरा लेकर कहां चली जाए इसका कोई जवाब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के जनप्रतिनिधियों के पास नहीं है।

निश्चित ही यह अन्याय चलता नहीं रह सकता है और इसका सबूत दे रही है नवलगढ़ तहसील की जनता। वह पिछले दस साल से लगातार इस अधिग्रहण के खिलाफ अपनी लड़ाई और अपना धरना जारी रखे हुए हैं। किसानों ने ठान ली है जान दे देंगे लेकिन जमीन नहीं देंगे। कलेक्टर रवि जैन की धमकी का भी बहादुरी से जवाब देते हुए नवलगढ़ भूमि अधिग्रहण विरोधी किसान संघर्ष समिति ने कहा है कि यदि प्रशासन हमसे जबरदस्ती करता है तो हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे। हम इस देश के तमाम जनसंगठनों से अपील करते हैं कि वह नवलगढ़ भूमि अधिग्रहण विरोधी किसान संघर्ष समिति के इस संघर्ष में उनका साथ देकर उनकी ताकत को और बढ़ाएं। हम यहां पर नवलगढ़ के साथियों द्वारा भेजे गए कलेक्टर के बयान का विडियो साझा कर रहे हैं जिसमें कलेक्टर पूरी बेशर्मी के साथ जनता को धमकाते दिख रहे है।

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