संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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पर्यावरण

जोशीमठ त्रासदी : अगली पीढ़ी के वृक्ष

अपने रहन-सहन और बसाहट के लिए समाज पर्यावरण में हस्तक्षेप करता है, कई बार इसके नतीजे दुखद भी होते हैं, लेकिन आमतौर पर वही समाज इसे दुरुस्त भी कर लेता है। प्रस्तुत है, करीब पांच दशक पहले जोशीमठ में ही घटी त्रासदी पर ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ समूह की तत्कालीन साप्ताहिक समाचार-पत्रिका ‘दिनमान’ (27 जून – 3 जुलाई 1976) में छपा अनुपम मिश्र का यह आलेख, संपादित कर…
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पांच राज्यों में चुनाव : खारिज होता पर्यावरण 

पांच राज्यों  में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में मतदाताओं को लुभाने हेतु दिये आश्वासनों या घोषणाओं में पर्यावरण…

मध्य प्रदेश : बकस्वाहा जंगल बचाने की मुहिम को मिली शुरुआती सफलता, एनजीटी ने…

बकस्वाहा जंगल बचाने की मुहिम को मिली शुरुआती सफलता, एनजीटी ने स्वीकार की रिट प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर संगठनों…

मध्य प्रदेश : बक्स्वाहा के जंगल में 2.15 लाख पेड़ काट निकाले जायेंगे हीरे; पर्यावरण बचाने एकजूट हुए लोग

मध्य प्रदेश के छतरपुर में बक्सवाह हीरा खदान के लिए काटे जाने वाले 2.15 पेड़ों को बचाने के लिए मध्य प्रदेश सहित देशभर के एक लाख 12 हजार लोग सामने आ गए हैं। कोरोना के मद्देनज़र इन सभी ने फिलहाल सोशल मीडिया पर ‘सेव बक्सवाहा फॉरेस्ट’ कैंपन चलाया है, किन्तु जैसे ही कोरोना संक्रमण थमेगा ये सभी बक्सवाहा पहुंच जाएंगे। आवश्यकता पड़ी तो पेड़ों से चिपकेंगे। गत 9…
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मोदी का विकास मॉडल : देश के पर्यावरण और आदिवासियों के लिए विनाश का मॉडल हैं

हसदेव अरण्य बचाओ सघर्ष समिति और छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन के द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5…