संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन

करछना के किसानों पर जारी है दमन

करछना (इलाहाबाद) के किसानों की जमीन छीनने पर आमादा प्रशासन अब फर्जी चौपालों का सहारा ले रहा है। प्रशासन द्वारा किसानों के साथ लिखित समझौता करने वाले जिलाधिकारी संजय प्रसाद का स्थानान्तरण कर दिया गया। उनके स्थान पर आये जिलाधिकारी आलोक कुमार अब न केवल समझौता मानने से इन्कार कर रहे हैं बल्कि अपने मातहत कार्यरत एडीएम चिन्कूराम के साथ धमकी देने के…
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जारी है भूमि-अधिग्रहण के खिलाफ संघर्षरत किसानों पर बर्बर दमन

उत्तर प्रदेश में भूमि-अधिग्रहण के मुद्दे पर किसानों तथा प्रशासन के टकराव की हिंसक घटनायें राज्य सरकार तथा केन्द्रीय…

भूमि-अधिग्रहण के खिलाफ संयुक्त बैठक : दिल्ली चलो का ऐलान

बीजू भवन, श्यामचरनपुर, ढेंकनाल में 18-19 जुलाई 2011 को उड़ीसा के विभिन्न जन संघर्षों के प्रतिनिधियों का दो दिवसीय कनवेंशन भूमि की लूट एवं जन संघर्षों के दमन के मुद्दे पर सम्पन्न हुआ। इस कनवेंशन का आयोजन ओडिसा जन संघर्ष समन्वय द्वारा किया गया था। कनवेंशन में आये प्रतिनिधयों ने भूमि की लूट के खिलाफ किये जा रहे अपने संघर्षों तथा राज्य नियोजित दमन…
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भूमि अधिग्रहण का विरोध, जारी है धरना-प्रदर्शन और गिरफ्तारी

हरियाणा राज्य के रोहतक जिले के 9 गांवों की 3368 एकड़ जमीन का अधिग्रहण खरखौदा में आई.एम.टी. बनाने के लिए किया जा रहा है। इन गांवों के किसानों को भूमि-अधिग्रहण अधिनियम 1894 के तहत नोटिस भी थमा दी गयी है। किसान अपनी कृषि भूमि की रक्षा के लिए संघर्षरत हैं। इलाके के किसान सैदपुर गांव में शांतिपूर्ण ढंग से अपना धरना चला रहे हैं। भूमि बचाओ संघर्ष समिति,…
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जे.पी. पॉवर प्लांट के लिए अधिग्रहीत कृषि भूमि के खिलाफ संघर्ष जारी…

लिखित वादे से मुकरा जिला प्रशासन धमकी पर आमादा घायल किसान शहीद अपनी जीविका, जमीन तथा कृषि बचाने के…

नवलगढ़ के किसान आंदोलन में विभिन्न ताकतों की भूमिका पर रपट

तीन मुनाफ़ाख़ोर बनाम हज़ारों लोग: जंग जारी है लोग लड़ रहे हैं अपनी जमीनें बचाने की लड़ाई सरकारी शह पर सीमेण्ट…

किसानों का विधान सभा के समक्ष प्रदर्शन एवं धरना

नवलगढ़ के आंदोलनकारी किसान 16 मार्च 2011 को जयपुर शहर के 22 गोदाम पुलिया के नीचे एकत्रित होकर अपना जुलूस बनाकर विधान सभा के समक्ष प्रदर्शन करने के लिए आगे बढ़े। प्रदर्शनकारी ‘‘भूमि-अधिग्रहण वापस लो’’, ‘‘सरकार और कम्पनियों की तानाशाही नहीं चलेगी’’, ‘‘कम्पनियों से यारी, किसानों से गद्दारी नहीं चलेगी’’ तथा ‘‘किसान मजदूर एकता जिंदाबाद’’ का नारा लगाते…
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