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उत्तर प्रदेश
पानी के निजीकरण के खिलाफ कुंभ में जल संसद
कहा जाता है कि राजा भागीरथी अपने पुरखों को तारने के लिए हिमालय से गंगा बहा कर तीर्थराज प्रयाग लेकर आये थे। लाखों श्रद्धालु हर साल गंगा व जमुना के संगम तट पर मोक्ष की प्राप्ति की कामना करते हैं। पर आज के राजा इन नदियों का पानी कारपोरेट घरानों व विदेशी कम्पनियों को बेच रहे हैं। पानी का निजीकरण पानी पर लोगों के नियंत्रण का अधिकार छीन रहा है और उन्हें…
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सर्वे के झरोखे से अति वंचितों की स्थिति
सर्वे का दायरा था आठ जिलों (भदोही, जौनपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, कौशाम्बी, फ़तेहपुर, उन्नाव और बाराबंकी) के 14…
बेघरी की बेबसी बनाम सरकारी बेदिली
राजधानियों से बाक़ी शहरों के हाल का सुराग़ मिलता है। सब जानते हैं कि चमकते विकास के बरअक़्स नयी दिल्ली से लेकर…
मुसहरों को नसीहत नहीं, अधिकार चाहिए
बरही नवादा से लौट कर आदियोग मंच पर भीड़ज़्यादातर वक्ताओं ने मुसहरों को जी भर कर भाषण पिलाया। प्रवचन दिया कि उनकी दयनीय हालत के लिए अशिक्षा सबसे अधिक ज़िम्मेदार है। बेहतरी के लिए उन्हें शिक्षा से जुड़ना चाहिए। अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए और उनकी पढ़ाई-लिखाई का पूरा ख़याल रखना चाहिए। उन्हें साफ़-सफ़ाई के साथ रहने का सलीक़ा सीखना चाहिए। अंधविश्वासों,…
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मुसहर-दलित-वंचित सम्मेलन: नयी मुहिम की शुरूआत
बरही नवादा से लौट कर आदियोग की रिपोर्ट;अगली 2 दिसंबर को बनारस के बरही नवादा गांव में ‘मुसहर-दलित-वंचित सम्मेलन’ का…
करछना से इलाहाबाद तक किसानों का पदल मार्च
जिलाधिकारी को ज्ञापन देते किसान भूमि अधिग्रहण के विरोध में करछना इलाहाबाद (उ0प्र0) में पुनर्वास किसान कल्याण…
यह साम्प्रदायिक नहीं, हिंदूवादियों की इकतरफा हिंसा थी
फैजाबाद में हुई हिंसा को लेकर पिछली 18 और 19 नवम्बर को छह सदस्यीय स्वतंत्र जांच दल ने पूरे मामले की छानबीन की। जांच दल में शामिल थे- वरिष्ठ पत्रकार सईद नकवी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की रंजना कक्कड़, यूपी पीयूसीएल के पूर्व महासचिव ओडी सिंह, स्त्री अधिकार संगठन की पद्मा सिंह, पीडीएसयू के आलोक कुमार और शम्स विकास। जांच दल ने फैजाबाद तथा आसपास के…
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फैजाबाद हिंसा एकतरफा और प्रयोजित: जाँच दल
उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में दुर्गा पूजा के दिन 24 अक्टूबर 2012 को दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़पों से उपजे तनाव…
गोरखपुर: किसानों का एलान, जान देगें- जमीन नहीं
भूमि अधिग्रहण का विरोध : पैदल मार्च कर किसानों ने गीडा कार्यालय में जड़ा ताला
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के गीडा…
खेती की ज़मीन का अधिग्रहण जन विरोधी काम
करछना (इलाहाबाद) में जेपी पावर प्लांट प्रस्तावित है। इसके लिए 2010 में 22 सौ बीघा ज़मीन अधिग्रहीत की गयी। सरकार ने ज़मीन का मुआवज़ा बाज़ार दर से दस गुना कम तय किया- कुल तीन लाख रूपये प्रति बीघा जबकि तब ज़मीन का बाज़ार भाव था 30 लाख रूपये प्रति बीघा। इस मुद्दे पर अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा दूसरे संगठनों के साथ मिल कर संघर्षरत है। इस अन्याय के…
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