संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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राज्यवार रिपोर्टें

बढ़ते दमन और दरिद्रता के 12 साल

ग्लैडसन डुंगडुंग झारखण्ड राज्य अपनी स्थापना के 12 साल पूरा कर चुका है। यह राज्य 79,714 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहां 24 जिले, 152 टाउन एवं 32,616 गांव हैं और कुल जनसंख्या 3,29,66,238 है। प्राकृतिक संसाधनों से धनी इस राज्य की यात्रा 15 नवंबर 2000 को 2215 करोड़ रूपये के अतिरिक्त बजट से शुरू हुई थी लेकिन अपने 12 साल के सफर में यह…
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दयामनी बारला की रिहाई के लिए दिल्ली में दस्तक: छात्र-युवाओं ने झारखंड भवन पर किया…

झारखंड ट्राइबल स्टुडेंट्स असोसिएशन (जे.टी.एस.ए.), ऑल इंडिया स्टुडेंट्स असोसिएशन (आइसा) तथा डेमोक्रेटिक स्टुडेंट्स…

चन्द्री देवी का अंतहीन संघर्ष

यह संघर्ष की दास्तान बिहार राज्य के बांका जिले के ग्राम मोचनावरण गांव की रहने वाली चन्द्री देवी की है. चन्द्री देवी को भूदान आंदोलन में वर्ष 1970-71 में खेती योग्य 4 एकड़ 80 डिसमिल जमीन दान में दि गई थी.चन्द्री देवी जमीन का पट्टा पा कर बहुत खुश थी, चन्द्री देवी ने तय किया कि अपने बच्चों शिक्षा दिलाएगी ताकि उन्हें गाव में मजदूरी नहीं करनी पड़ेगी.…
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अन्याय की बुनियाद पर न्याय मांगते झारखण्ड के आदिवासी

विस्थापन विरोधी एकता मंच और अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के बैनर तले पूर्वी सिंहभूम के पोटका से रांची तक, 2 नवम्बर…

परमाणु सुरक्षा के मसले पर लीपापोती बंद करे सरकार

मनावाधिकार संगठन पीपुल्स युनियन ऑफ सिविल लिबर्टीज़ (पीयूसीएल) और परमाणु निरस्त्रीकरण एवं शांति गठबंधन…

दयामनी बारला का अंतहीन संघर्ष: सरकार गरीबों से डरती है, कोर्ट को आगे करती है

आज रांची के सेशन कोर्ट में आदिवासी नेता दयामनी बारला के मामले पर चली सुनवाई में फैसला टाल दिया गया है और केस की अगली सुनवाई 14 और 17 नवंबर को तय की गयी है. इसी बीच झारखंड उच्च न्यायालय ने नगड़ी आंदोलन के दौरान 4 अक्टूबर को रांची में उच्च न्यायालय के पुतलादहन के एक मामले में उदयामनी बारला और सालखन मुर्मू व अन्य से यह जवाबतलब किया गया है कि उनपर…
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झारखण्ड: जनद्रोही क़ानूनों और राज्य दमन के ख़िलाफ़ आंदोलन तेज होगा

गुजरी 16 अक्टूबर से एक के बाद एक फर्जी केस लगाकर दयामनी बारला को झारखंड पुलिस न केवल जेल में रखे हुए है बल्कि…

आदिवासी लडेंगे, पीछे नहीं हटेंगे

जंगसाय कोया गोंड आदिवासी हैं और सरगुजा के निवासी हैं। वे दसवीं के छात्र थे जब 2000 में अलग राज्य बना और ज़मीनों के अधिग्रहण ने रफ़्तार पकड़ी। इसी गहमागहमी के माहौल में वे भारत जन आंदोलन के संपर्क में आये। प्रो. बीडी शर्मा के विचार, व्यक्तित्व और जुझारूपन से इस क़दर प्रभावित हुए कि पढ़ाई छोड़ कर भारत जन आंदोलन के कार्यकर्ता के बतौर विभिन्न इलाक़ों में…
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