72 वर्षों से डिमना डैम विस्थापित आदिवासियों का टाटा के खिलाफ बहादुराना प्रतिरोध
झारखण्ड के जमशेदपुर में टाटा स्टील कंपनी को पानी देने के लिए के लिए 1942 में जमशेदपुर से 12 किमी दुर डिमना डैम बनाया गया. डैम के लिए 12 गांव के लोगों को विस्थापित किया गया. गांव वालों को उस समय मुआवजे की सिर्फ एक क़िस्त दी गई. शेष मुआवजे के लिए विस्थापित आदिवासी 72 वर्षों से संघर्षरत है. जमशेदपुर से दीपक रंजीत की रिपोर्ट;
उस समय जो…
और पढ़े...
जबरन अवैध खनन के लिए गडचिरोली, महाराष्ट्र के आदिवासियों पर बर्बर हिंसा
इस पूंजीवादी-साम्राज्यवादी-फ़ासीवादी लुट का विरोध करे..
‘मेक इन इंडिया’, ‘मेक इन गडचिरोली’ के झूठे वादों का…
8,856 देशद्रोही : तमिलनाडू का एक ऐसा गांव जिसका हर निवासी जी रहा है देशद्रोह के…
13 सितम्बर 2016 से हमने संघर्ष संवाद पर एक ऐसे गांव की कहानी शुरु की थी जिसके 8,856 ग्रामीण अपने गांव में…
8,856 देशद्रोही : तमिलनाडू का एक ऐसा गांव जिसका हर निवासी जी रहा है देशद्रोह के साए में; भाग तीन
13 सितम्बर 2016 से हमने संघर्ष संवाद पर एक ऐसे गांव की कहानी शुरु की थी जिसके 8,856 ग्रामीण अपने गांव में परमाणु संयंत्र के खिलाफ विरोध करने के एवज में पिछले पांच साल से देशद्रोह का मुकदमा झेल रहे हैं। पढ़िए रिपोर्ट का तीसरा भाग;
पहला भाग यहाँ पढ़े
दूसरा भाग यहाँ पढ़े
सितंबर 2012 में देशद्रोह के 6 मामले
सितंबर 10
कितने लोगों पर मामला…
और पढ़े...
8,856 देशद्रोही : तमिलनाडू का एक ऐसा गांव जिसका हर निवासी जी रहा है देशद्रोह के…
सितंबर 2012 में आंदोलन की एक तस्वीर
13 सितम्बर 2016 से हमने संघर्ष संवाद पर एक ऐसे गांव की कहानी…
संघर्षरत हौंडा टपूकड़ा मजदूरों का 19 सितंबर से जंतर-मंतर पर आमरण अनशन शुरु
राजस्थान के अलवर जिले के टपूकड़ा कस्बा स्थित होंडा मोटरसाइकिल एण्ड स्कूटर इण्डिया के मजदूर 19 सितंबर 2016 से…
8,856 देशद्रोही : तमिलनाडू का एक ऐसा गांव जिसका हर निवासी जी रहा है देशद्रोह के साए में; भाग एक
तमिलनाडु के कूडनकुलम में 8,856 से अधिक लोग देशद्रोह और भारतीय राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे मुकदमों में फंसाए गए हैं. आज़ादी के बाद देशद्रोह के मुकदमे इतनी बड़ी संख्या में कूडनकुलम शांतिपूर्ण आंदोलन के खिलाफ लगाए गए हैं, इससे ही यह पता चलता है कि आज की सरकार का लोगों के जीवन व स्वास्थय, प्राकृतिक संसाधनों और उनकी जीविका तथा सुरक्षा को लेकर…
और पढ़े...
अडानी के विकास की बलि पर सरगुजा के आदिवासी
छत्तीसगढ़ के सरगुजा ज़िले के हसदेव अरण्य क्षेत्र स्थित अदानी की पर्सा ईस्ट केते बासन कोल माइन के विस्तार के लिए…
छत्तीसगढ़ : अडानी राज कायम; जनसुनवाई को अपने हक में करवाने के लिए उतारे गुंडे
अडानी ने सरगुजा ज़िले के हसदेव अरण्य क्षेत्र स्थित पर्सा ईस्ट केते बासन कोल माइन के विस्तार के लिए कल 11…
छत्तीसगढ़ सरकार कभी आदिवासियों की आवाज नहीं सुनती, फिर जनसुनवाई की नौटंकी क्यों ?
छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर क्षेत्र के कांकेर जिले के आदिवासी गाँव रसूली की 220 हेक्टेयर जमीन नवभारत फ्यूज कंपनी को देने का फरमान जारी कर दिया है. कम्पनी इस जमीन पर लौह अयस्क आयरन ओर की माइनिंग करेगी. 7 सितम्बर 2016 को राज्य सरकार, कम्पनी और पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा गाँव से 35 किलोमीटर दूर भानुप्रतापपुर में पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए लोक सुनवाई की…
और पढ़े...