संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

उत्तर प्रदेश : हवाई पट्टी विस्तारिकरण के नाम पर जमीन छिनने के खिलाफ उतरा संयुक्त किसान मोर्चा

आजमगढ़। संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में विविध संगठनों (किसान संग्राम समिति, रिहाई मंच,अखिल भारतीय किसान महा सभा, जनमुक्ति मोर्चा, संयुक्त किसान-मजदूर संघ,जय किसान आंदोलन) के साथियों ने मंदुरी हवाई पट्टी को अंतर्राष्ट्रिय हवाई अड्डे के रुप में विस्तारिकरण के नाम पर गांवों की जमीन छिनने के खिलाफ जारी क्रमिक धरने में शामिल होकर समर्थन दिया।…
और पढ़े...

लखीमपुर खीरी हत्याकांड का एक साल : आज भी पीड़ितों को इंसाफ़ का इंतज़ार

एसकेएम ने मृतक 4 किसान और एक पत्रकार की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया है। इसी तरह देशभर में किसान जगह-जगह…

भूमि अधिकार आंदोलन का राष्ट्रव्यापी आह्वान : 10 दिसम्बर और 30 जनवरी 2023 को…

भूमि अधिकार आन्दोलन का चौथा राष्ट्रीय सम्‍मेलन 26-27 सितम्बर 2022 को नई दिल्ली में कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित…

मध्य प्रदेश : ढाई दशक बाद महेश्वर परियोजना प्रभावितों और विस्थापितों के संघर्ष की जीत, परियोजना का समझौता रद्द

महेश्वर विद्युत् परियोजना के सभी समझौतों को रद्द करने का मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदन नर्मदा बचाओ आंदोलन के तहत प्रभावितों के 25 के संघर्ष की एतिहासिक जीत जनता का 42,000 करोड़ रुपया लुटने से बचा 8 सितंबर 2022; एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में कल उज्जैन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में…
और पढ़े...

छत्तीसगढ़ पेसा नियम 2022 : संवैधानिक प्रावधानों पर नासमझी या शातिराना छल !

-बिजय पांडा छत्तीसगढ़ पेसा नियम, 2022 पर चर्चा करने से पहले जरुरी है कि हम एक बार पेसा कानून के सैद्धांतिक परिक्षेत्र को समझ लें, ताकि छत्तीसगढ़ पेसा नियमों का केंदीय पेसा कानून की रोशनी में विश्लेषण कर पाये। ‘पेसा’ कानून का सैद्धांतिक परिक्षेत्र ‘पेसा’ कानून, “पंचायत कानून (भाग 9) का विस्तार होते हुए भी पंचायत कानून से बहुतांश भिन्नता रखता है…
और पढ़े...

झारखण्ड : नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी संघर्ष के ऐतिहासिक सबक

सेना के गोला-बारूद की मारक क्षमता की जांच के लिए झारखंड के नेतरहाट में की जाने वाली चांदमारी करीब छह दशक बाद आखिर…

कोयले से बिजली, बिजली से राखड़ और राखड़ से तबाही

-दीपमाला पटेल और ध्वनि शाह हमारे यहां बिजली के लिए कोयले का सर्वाधिक उपयोग किया जाता है, लेकिन उससे पैदा होने वाली…

पूंजी की प्रभुता में लोकतंत्र की हैसियत

दुनियाभर की भांति-भांति की शासन-प्रणालियों को देखें तो उनमें सर्वश्रेष्ठ लोकतंत्र ही दिखाई देता है, लेकिन पूंजी के बेशर्म सम्राज्य में उसकी कितनी हैसियत बची है? आज दुनिया का कोई भी देश, अपनी खामियों-खूबसूरतियों के बावजूद लोकतंत्र और पूंजी के रिश्तों को सुधार नहीं पा रहा है। ऐसे में क्या लोकतंत्र कारगर उपाय हो सकेगा? प्रस्तुत है, इसकी पड़ताल करता…
और पढ़े...