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उत्तराखंड में चल रहे संघर्षो की दास्तान
2 सितम्बर को प्रिकोल, रुद्रपुर (उत्तराखण्ड) के 6 मजदूर अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गए. तीन दिन तक प्रशासन ने हड़तालियों की कोई सुध नहीं ली. चौथे दिन यानि 5 सितम्बर 2016 को एसडीएम समेत महिला पुलिस ने अनशन पर बैठी लड़कियों समेत 20 मजदूरों पर बर्बर लाठीचार्ज किया. लाठीचार्ज के दौरान…
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जून 2013 की श्रीनगर आपदा के लिए जी.वी.के. कंपनी जिम्मेदार एनजीटी ने लगाया नौ…
उत्तराखण्ड में जून 2013 की त्रासदी के लिये राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने जी.वी.के. कंपनी जिसने श्रीनगर बांध…
ऋचा फैक्ट्री : मजदूरों की हड़ताल आंशिक सफलता के साथ समाप्त
उत्तराखण्ड के काशीपुर स्थित ऋचा फैक्ट्री के मजदूर 27 जून को अपनी 39 दिन की हड़ताल (जिसमें 4 दिन आमरण अनशन…
उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ से देवेन्द्र पंत की रिपोर्ट;
हमारा गांव (जाखपंत ) पिछले 15 वर्षों से अवैध व बेतरतीव ढंग से हुए खनन की मार झेल रहा है। आज से 15 वर्ष पहले जब मेरे गांव में सड़क बनी तभी से यहां अवैध रूप से खनन का धंन्धा जोर पकड़ने लगा। तब ग्रामीण लोग भी खनन से भविष्य में होने वाले…
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तमाम दबावों के बावजूद ऋचा फैक्ट्री, काशीपुर के मजदूरों का संघर्ष जारी
उत्तराखण्ड के उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर शहर में स्थित ऋचा फैक्ट्री के मजदूर फैक्ट्री में यूनियन खत्म करने के…
वनाधिकार ही वन आग का समाधान है
जंगल बचाने की आड़ में वनवासी समुदाय को वनों से बेदखल कर दिया गया। परिणामस्वरूप वन अनाथ हो गए। वन विभाग और वनों…
उत्तराखण्ड के नैनीसार इलाके में लंबे समय से जिंदल इंटरनेशनल आवासीय स्कूल के लिए किए गए जबरन भूमि अधिग्रहण के विरोध में आंदोलन चल रहा है। आंदोलनकारियों पर जिंदल ग्रुप, स्थानीय प्रशासन और पुलिस के गठजोड़ ने हर संभव बर्बर दमन किया । किंतु इसके बावजूद स्थानीय लोग इस संघर्ष को जारी रखे हुए हैं।…
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जिंदल, नैनिसार की जमीन और जन आक्रोश
उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के नैनिसार में जिंदल ने अप्रैल 2015 में समुदाय की भूमि हड़प ली । शुरू से ही स्थानीय…
उत्तराखण्ड जन आंदोलनों की धरती है और इस परंपरा का निर्वाह निरंतर जारी है
उत्तराखण्ड बनने के साथ ही जल-जंगल-जमीन की लूट का खेल भी प्रदेश में शुरू हो गया था. राज्य की…
''यदि वक्त मिला और आपके संरक्षण में पल रहे जिंदल और उसके गुण्डों से मैं और मेरा परिवार सुरक्षित रहा तो जरूर मैं जनता के समक्ष आपसे खुली बहस करने को तैयार हूँ और आप मेरे इस निमंत्रण को स्वीकारें, ताकि आपके विचार और अनुभवों से उत्तराखण्ड की जनता और मैं कुछ सीख सकें। बुरा न मानें, यह लोकतंत्र हैं।…
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