संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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उत्तराखंड में चल रहे संघर्षो की दास्तान

जिंदल के प्रेम में अंधे हो चुके हरीश रावत को कुछ नहीं दिख रहा ढलते नवंबर की एक ढलती हुई शाम उस गांव में शादी थी, लेकिनउसका पंडाल हाइवे से थोड़ी ऊंचाई पर वीरान पड़ा था। सड़क किनारे अचानक झुटपुटे में सुलग आई मशालों ने उसकी चमक फीकी कर दी थी। क्या बाराती और क्याच दूल्हाट, सब के सब गांव…
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उत्तराखंड : जौनसार बाबर में बर्बर व्यवस्था के खिलाफ़ यात्रा, 9 से 13 अक्टूबर 2015

उत्तराखंड के जौनसार बाबर में दलितों के भूमि अधिकार, बधुआ मजदूरी, दलितों-महिलाओं के मंदिर प्रवेश पर रोक,…
आलोचना, आत्मालोचना और सबक - आनंद स्वरूप वर्मा की टिप्पणी प्रिय मित्रों, ‘दमन विरोधी संघर्ष समिति’ की ओर से…
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सबसे ज्यादा काम, सबसे कम दाम और सबसे कम सुरक्षा ये है महिला कामगारों की स्थिति :…

‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'श्रमेव जयते' नारे का पर्याय है- श्रम का सम्मान नहीं, श्रम की पहचान नहीं। दरअसल…
उत्तराखंड के केदारघाटी में पिछले साल आयी त्रासदी में विस्थापित हुये लोग अभी भी इस भयानक ठंड में टेंटों में रात गुजार रहे है. त्रासदी में बेघर हुए लोगों का अभी तक पुनर्वास नहीं हो पाया है जो लोग आपदा पीड़ितों की लड़ाई लड़ रहे उन पर सरकार-प्रशासन की मिलीभगत से हमले…
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जन सरोकारों से जुड़े एक नए आन्दोलन का आगाज़…….

यह मांग उठी है केदारघाटी (उत्तराखण्ड) के अगस्त्यमुनि कस्बे से । केदार घाटी में हुए जल प्रलय में अगस्त्यमुनि…
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 32 कि.मी. दूर छारबा गांव में कोकाकोला संयंत्र लगाने की अनुमति देकर राज्य सरकार ने न केवल ग्रामीणों की अनदेखी की है, बल्कि पानी की कमी से जूझते उत्तराखंड को नई मुसीबत में डाल दिया है। इस परियोजना की वास्तविकता की जांच करने सुरेश भाई के नेतृत्व में गए दल की रिपोर्ट…
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