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राज्यवार रिपोर्टें
खतरनाक विकिरण के साये में उत्तराखंड
कूडनकुलम और जैतापुर में परमाणु-विरोधी आंदोलन को एक तरफ सरकार अंधविश्वास से प्रेरित, अवैज्ञानिक और विदेशी हाथ से संचालित बता रही है, जबकि पूरे हिमालय को घातक विकिरण का शिकार बनाते विदेशी हाथों पर दशकों से चुप्पी साधे हुए है. भारतीय आमजन और हमारे पर्वतों-नदियों तक को अमेरिकी हितों की बलि चढाने पर आमादा सरकार की पोल इस लेख से खुलती है:
45 साल पहले…
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याद किये गये शहीद नियोगी
पिछली 28 सितंबर को नियोगी शहादत दिवस के मौक़े पर कई जगह आयोजन हुए।
भोपाल, मुंबई समेत कई जगहों पर आयोजन हुए।…
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव के नाम जनसुनवाई पर आपत्ति पत्र-
झारखंड के पोटका प्रखंड के लोग पिछले सात वर्षों से भूषण कंपनी का
कारखाना लगने का विरोध करते आ रहे हैं। इस विरोध के…
पोटका में भूषण स्टील प्लांट के खिलाफ 22 सितंबर से धरना जारी …
भूषण पावर एंड स्टील की ओर से पोटका में प्रस्तावित प्लांट को लेकर 24
सितंबर को जनसुनवाई का आयोजन किया गया था जिसका प्रखंड के लोग शुरू से ही
विरोध कर रहे थे. भूषण स्टील के प्लांट के खिलाफ 22 सितंबर से धरना जारी है. पेश है कुमार चंद्र मार्डी कि रिपोर्ट -
पोटका प्रखंड के लोग पिछले सात वर्षों से इस क्षेत्र में…
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हुल-1 लघु जल विद्युत परियोजना के विरोध में चम्बा में प्रदर्शन
हुल-1 लघु जल विद्युत परियोजना के विरोध में चम्बा में 4 अक्तुबर 2012 को जिलाधीश कार्यालय के बाहर…
कूडनकुलम: बर्बर दमन के बीच जारी जनांदोलन को देश भर से समर्थन
कूडनकुलम में परमाणु-रिएक्टर के खिलाफ चल रहा आंदोलन निर्णायक दौर में पहुँच गया है. पिछले महीने की शुरुआत में…
भारत के ट्रेड यूनियन आंदोलन की समस्याएं
28 सितंबर शंकर गुहा नियोगी की शहादत का
दिन है। बीस साल पहले इसी दिन उन्हें गोलियों का शिकार बनाया गया था। यह
उद्योगपतियों का घिनौना कारनामा था जिनकी मज़दूर विरोधी नीतियों की राह में नियोगी
जी बहुत बड़ा रोड़ा बन गये थे। वे मज़दूर हितों के निडर और अडिग योद्धा थे। विचार, संघर्ष और रचनाशीलता उनकी सक्रियताओं का
प्रस्थान बिंदु था। वे ट्रेड यूनियन…
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झारखंड के मुख्य न्यायधीश के नाम खुला पत्र
झारखंड की बहुसंख्यक जनता, आदिवासियों और मूलवासियों को न्याय मिले; उनके हितों में बने और उनकी जमीनों की…
दुखयारे के दुःख को दुखयारा समझे
कुडमकुलम के परमाणु संयत्र विरोधी आंदोलन पर किये जा रहे दमन के खिलाफ रावत भाटा परमाणु संयत्र के…
हरदा जल सत्याग्रह : जितनी मजबूत, उतनी कमजोर सत्ता
जल सत्याग्रह से लोट कर जानेमाने गाँधीवादी सामाजिक कायकर्ता हिमांशु कुमार की टिप्पणी
अभी अभी मध्य प्रदेश से लौटा हूँ ! वहाँ हरदा जिले के खरदना गाँव वालों के एक सत्याग्रह में शामिल होने गया था ! गाँव वालों के साथ करीब अट्ठारह घंटे पानी में खड़ा रहा !
गाँव वाले तो पिछले चौदह दिन से पानी में ही खड़े थे ! कारण यह था कि पहले तो…
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