राजस्थान : मेडिकल शिक्षा में फीस वृद्धि के खिलाफ मेडिकल स्टूडेंट्स कोऑर्डिनेशन कमेटी का प्रदर्शन
साथियों ,
जैसा की आप जानते हैं कि हाल ही में राजस्थान के सरकारी मेडिकल कॉलिजों में करीब 10 गुना फीस वृद्धि हुई है । 2017 में जहां मेडिकल कॉलिजों की फीस 5000 से 7000 रुपये थी वहीं 2018 में इसे बढ़ाकर 50000 रुपये तक कर दिया गया है । इसके साथ ही सरकार ने ये भी ऐलान किया है कि वो हर साल 10 % फीस और बढ़ाएँगे । ये तानाशाही भरा निर्णय साफ तौर पर छात्र…
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उड़ीसा : नियमगिरि में राज्य दमन लगातार जारी, 5 आदिवासियों की गिरफ्तारी
दमन की एक नई कार्रवाई में, ओडिशा पुलिस ने 24 जुलाई 2018 को नियमगिरि सुरक्षा समिति के पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार…
बैलाडीला अडानी खनन मामला : कछुए की चाल से चल रही है फर्जी ग्राम सभाओं की जाँच
-मंगल कुंजाम/तामेश्वर सिन्हा
दन्तेवाड़ा 17 जुलाई 2019 - छत्तीसगढ़ के बस्तर में स्थित बैलाडीला पहाड़ी के 13 नंबर पहाड़ को उत्खनन के लिए अड़ानी को फर्जी ग्राम सभा कर देने के बहुचर्चित मामले में जांच दल ने हिरौली गांव के ग्रामीणों का बयान दर्ज किया। जंहा महीने भर से दो बार जांच टलने के बाद आख़िरकर 106 लोगो मे से 29 ग्रामीणों का जांच दल ने बयान दर्ज किया।…
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आदिवसियों को जंगलों से उजाड़े जाने का प्रतिरोध करें : देशव्यापी विरोध प्रदर्शन में…
13 फरवरी 2019 को आदिवासियों को उनके जंगलों से उजाड़े जाने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर भले ही सर्वोच्च न्यायालय…
कमर्शियल कोल माइनिंग और एमडीओ कॉर्पोरेट लूट का नया रास्ता : कोयला खदानों के आवंटन…
सरकारी कंपनियों की मिलीभगत से कोयला खदानों का पूरा विकास एवं संचालन पिछले दरवाज़े से मोदी सरकार के करीबी कॉरपोरेट…
निजीकरण के बढ़ते कदम : सामाजिक उपक्रमों को बेचने में रेलवे मात्र शुरुआत है
दिल्ली, 17 जुलाई। भारतीय रेलवे को पूंजीपतियों के हाथ बेचने की जन-विरोधी सरकार की घोषणा के ख़िलाफ़ दिल्ली सहित देश के कई इलाको में प्रदर्शन हो रहे है और निगमीकरण व निजिकरण की जनविरोधी नीतियों को वापस लेने की माँग बुलंद हुई है। हिंदुस्तान की 70 प्रतिशत जनता अब भी रेलवे से ही सफर करती है। रेलवे ने इस देश में सतत विकास की ओर जीवन रेखा का काम किया है।…
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झारखण्ड : 23 बैठकों के बाद भी नहीं सुलझ सके डिमना बांध विस्थापितों के मुद्दे
सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए लिए गए डिमना डैम की ज़मीन को टाटा कंपनी अपनी निजी जमीन की तरह मानती है। शहर को पीने का…
झारखण्ड : कोल ब्लॉक के खिलाफ गोलबंद दुमका के आदिवासी, गांवों में गूंजते नारे ‘जान देंगे जमीन नहीं’
झारखंड में दुमका जिले के शिकारीपाड़ा इलाके के गांवों में प्रस्तावित कोल ब्लॉक के खिलाफ आदिवासियों की गोलबंद तेज है. पिछले पांच महीने से शिकारीपाड़ा इलाके के अलग-अलग गांवों में बैठकें हो रही हैं. विरोध- प्रदर्शन का दौर जारी है. और इस दौरान नारे गूंजते रहे हैं- जान देंगे, जमीन नहीं.
इसी सिलसिले में 14 जुलाई 2019 को सरसडंगाल हटिया परिसर में…
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