मध्यप्रदेश : वन भूमि से कब्जा हटाने आए दस्ते का विरोध कर रहे आदिवासियों पर पुलिस…
9 जुलाई को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के ग्राम सिवल में पुलिस और राजस्व अधिकारी सहित वन अमला पहुंच कर करीब 9…
तमिलनाडु : कुडनकुलम परमाणु प्लांट के खिलाफ महिलाओं का संघर्ष
-श्वेता दागा
10 सितंबर 2012 को तमिलनाडु के चार गांवों के हजारों लोग तिरूनेलवेली जिले के इदिन्थाकरै गांव से लगे…
अवैध खनन : मणिपुर में HC का प्रतिबंध, मेघालय पर SC का 100 करोड़ जुर्माना
मणिपुर उच्च न्यायालय ने राज्य की सभी नदियों में अवैध पत्थर और रेत खनन पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया है. साथ ही अदालत ने राज्य की सभी नदियों का दोहन रोकने के लिए अधिकारियों को कारगर उपाय करने का भी निर्देश दिया है. राज्य की थौबल नदी के दोहन के रोक लगाने की मांग को लेकर एक नागरिक मंच थौबल नदी संरक्षण समिति द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए…
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मद्रास हाई कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम में तमिलनाडु सरकार के संशोधन को अवैध…
मद्रास के उच्च न्यायालय ने केंद्रीय भूमि अधिग्रहण कानून में तमिलनाडु की सरकार द्वारा किए गए संशोधन को ‘अवैध’ करार…
छत्तीसगढ़ : सुप्रीम कोर्ट के जंगल खाली करने के फैसले के खिलाफ बस्तर में प्रदर्शन
कांकेर (छत्तीसगढ़)- गुजरी 2 जुलाई 2019 को आदिवासी समाज ने रैली निकालकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर कहा जल…
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश के बाद महावीर कोल वाशरी की जन सुनवाई भी स्थगित
जन चेतना की खबर के अनुसार 10 जुलाई 2019 को महावीर कोल वाशरी की जन सुनवाई नहीं होगी |
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के ग्राम भेंगारी में प्रस्तावित कोल वाशरी की जन सुनवाई पूर्व में 16. 01.2018 को नियत की गई थी | लेकिन अचानक स्थगित कर दी गई | इसके बाद 10 जुलाई 2019 को नवापारा (टेंडा) में आयोजित करने की सूचना समाचार पत्रों में पर्यावरण विभाग द्वारा…
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सुप्रीम कोर्ट के जंगल खाली करने के फैसले के खिलाफ 22 जुलाई को देशव्यापी आंदोलन;…
on July 22; Parliament enclaves on November 28
छत्तीसगढ़ : हाईकोर्ट के आदेश के बाद कलेक्टर रायगढ ने स्थगित की महाजेनको-अडानी खदान…
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के निर्णय हुये अभी कुछ घंटे ही हुये थे कि कलेक्टर रायगढ ने 27 जून 2019 को होने वाली…
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का एतिहासिक फैसला : पर्यावरण विभाग के मेंबर सेक्रेटरी ही कर सकेंगे जनसुवाई
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पर्यावरण विद् रमेश अग्रवाल ने महाजेको की जनसुनवाई के बाबत याचिका पर बहुत महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने माना कि कलेक्टर और पर्यावरण अधिकारी जन सुनवाई की तिथि और स्थान तय नहीं कर सकते. पर्यावरण विभाग के मेंबर सेक्रेटरी को खुद जनसुनवाई में उपस्थिति होना पडेगा। कलेक्टर को यह अधिकार नहीं है कि वह एसडीएम या किसी और अधिकारी को…
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