कमर्शियल कोल माइनिंग और एमडीओ कॉर्पोरेट लूट का नया रास्ता : कोयला खदानों के आवंटन की प्रक्रिया में हो रही लूट का खुलासा
सरकारी कंपनियों की मिलीभगत से कोयला खदानों का पूरा विकास एवं संचालन पिछले दरवाज़े से मोदी सरकार के करीबी कॉरपोरेट घरानों को सौंपने का तरीका
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन से प्रियांशु और आलोक शुक्ला ने गहन अध्यन करके "कमर्शियल कोल माइनिंग और एमडी़ओ कार्पोरेट लूट का नया रास्ता” नाम से एक पुस्तिका प्रकाशित की है.जिसमें कोयला खदानों के आवंटन की प्रक्रिया में…
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निजीकरण के बढ़ते कदम : सामाजिक उपक्रमों को बेचने में रेलवे मात्र शुरुआत है
दिल्ली, 17 जुलाई। भारतीय रेलवे को पूंजीपतियों के हाथ बेचने की जन-विरोधी सरकार की घोषणा के ख़िलाफ़ दिल्ली सहित देश…
झारखण्ड : 23 बैठकों के बाद भी नहीं सुलझ सके डिमना बांध विस्थापितों के मुद्दे
सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए लिए गए डिमना डैम की ज़मीन को टाटा कंपनी अपनी निजी जमीन की तरह मानती है। शहर को पीने का…
झारखण्ड : कोल ब्लॉक के खिलाफ गोलबंद दुमका के आदिवासी, गांवों में गूंजते नारे…
झारखंड में दुमका जिले के शिकारीपाड़ा इलाके के गांवों में प्रस्तावित कोल ब्लॉक के खिलाफ आदिवासियों की गोलबंद तेज है.…
मध्यप्रदेश : वन भूमि से कब्जा हटाने आए दस्ते का विरोध कर रहे आदिवासियों पर पुलिस फायरिंग
9 जुलाई को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के ग्राम सिवल में पुलिस और राजस्व अधिकारी सहित वन अमला पहुंच कर करीब 9 जेसीबी मशीनों से खेत उजाड़ना शुरू कर दिया. दो घंटे की गहमागहमी के बाद तकरीबन 60 हैक्टेयर भूमि पर गड्ढे कर दिए गए, लेकिन अचानक स्थानीय आदिवासी इस बात का विरोध करने पहुंच गए. आदिवासी एकता जिंदाबाद, आमु आखा एक छे, आवाज दो हम एक है, जंगल जमीन…
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तमिलनाडु : कुडनकुलम परमाणु प्लांट के खिलाफ महिलाओं का संघर्ष
-श्वेता दागा
10 सितंबर 2012 को तमिलनाडु के चार गांवों के हजारों लोग तिरूनेलवेली जिले के इदिन्थाकरै गांव से लगे…
अवैध खनन : मणिपुर में HC का प्रतिबंध, मेघालय पर SC का 100 करोड़ जुर्माना
मणिपुर उच्च न्यायालय ने राज्य की सभी नदियों में अवैध पत्थर और रेत खनन पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया है. साथ ही अदालत…
मद्रास हाई कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम में तमिलनाडु सरकार के संशोधन को अवैध घोषित किया
मद्रास के उच्च न्यायालय ने केंद्रीय भूमि अधिग्रहण कानून में तमिलनाडु की सरकार द्वारा किए गए संशोधन को ‘अवैध’ करार दिया है और राज्य के तीन कानूनों को उसके दायरे से मुक्त कर दिया है।
इस फैसले का प्रभावी अर्थ यह होगा कि राज्य सरकार द्वारा तीनों कानूनों के तहत 27 सितंबर 2013 को और उसके बाद अधिग्रहित की गई सारी ज़मीन पर सरकार का कब्ज़ा 'अवैध'…
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