संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार का एक और कारनामा : आदिवासियों के पारंपरिक तीर-धनुष जब्त करने का आदेश

छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार द्वारा अडानी के लिए सरगुजा में बंदूक की नोक पर जबरन अधिग्रहित की जा रही जमीन का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब नए आदेश में जंगलों में रह रहे आदिवासियों के परंपरागत तीर-धनुष को जब्त करने का फरमान आ गया। पढ़िए छत्तीसगढ़ से तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट; रायपुर 3 अप्रेल 2019।  छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिला में आदिवासियों के…
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अडानी के लिए रमन के रास्ते पर भूपेश सरकार : अडानी के लिए बंदूक की नोक पर जबरन भूमि अधिग्रहण

छत्तीसगढ़ के सरगुज़ा जिले के परसा कोल ब्लॉक जिसका खनन का ठेका( mdo) अडानी कंपनी के पास हैं, के लिए नियम विरुद्ध जबरन पुलिस बल के माध्यम से भूमि अधिग्रहण किया जा रहा हैं। पांचवी अनुसूचित क्षेत्रो में ग्रामसभाओं की सहमति बिना किये जा रहे इस भूमि अधिग्रहण के विरोध में ग्रामीण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी से मिले थे लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई । आज फतेहपुर…
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जनांदोलनों पर राज्य का कसता शिंकजा : अर्थशास्त्री तथा सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां…

नई दिल्ली। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज को झारखंड पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। यह…

उड़ीसा : विकास का स्याह चेहरा; नौकरी मांगने गए आदिवासियों पर वेदांता ने चलवाई लाठी…

अभी हाल ही में हमारे देश में पाकिस्तान के साथ जंग को समर्थन देकर अपनी देशभक्ति साबित करने की लहर सी चल रही थी।…

उड़ीसा : कालाहांडी से दिल्ली तक उठी आवाज़ लिंगराज आज़ाद को रिहा करो

पैरों में चप्पल बगल में झोला और सांवला सा भोला चेहरा ये हैं लिंगराज भाई यानी की नियामगिरि सुरक्षा समिति के जुझारू कार्यकर्ता लिंगराज आज़ाद जिन्हें 6 मार्च को ओडिशा सरकार ने अवैध तरीके से गिरफ्तार कर लिया। कसूर था नियामराजा को विशाल कार्पोरेट दैत्य से बचाने की लड़ाई लड़ने का। लिंगराज भाई की गिरफ्तारी के खिलाफ कालाहांडी से लेकर ओडिशा के विभिन्न जगहों…
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उड़ीसा : वेदांता कम्पनी के खिलाफ सघर्षरत लिंगराज आजाद गिरफ्तार; 8 मार्च को उड़ीसा…

दिल्ली, 6 मार्च; उड़ीसा पुलिस द्वारा आज लिंगराज आजाद की कपटपूर्ण तरीके से की गई गैरकानूनी गिरफ्तारी की नेशनल एलायंस…

आदिवासियों की बेदखली का फरमान और जमीन की कारपोरेटी लूट

-सीमा आज़ाद 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में 13 फरवरी को दिया गया एक ऐसा फैसला जंगल में आग की तरह फैला, जिसने लोगों को…

अंग्रेजों से भी बेरहम साबित हुई भारत की न्यायपालिका

कुछ लोग इस भ्रम में रहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट या हमारी न्याय व्यवस्था भगवान शंकर के त्रिशूल पर बसी काशी नगरी जैसी न्यारी और भिन्न व्यवस्था है, जबकि यह बारहा सिद्ध हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट शोषण और विषमता पर टिकी हमारी इस लोकतांत्रिक प्रणाली का ही हिस्सा है. झारखंड के नगड़ी में चले आंदोलन के प्रति उसके रवैये से इसका अंदाजा तो लगा था, 16 राज्यों के…
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