संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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आदिवासी

गुजरात : पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना के नाम पर आदिवासियों को उजाड़ने की तैयारी!

-विवेक शर्मा वैसे तो इस देश में हमेशा से आदिवासी समाज हाशिये पर रहा है, लेकिन इन दिनों गुजरात में यह समाज भाजपा सरकार की पूंजीवादी नीतियों के कारण बिल्कुल ही गर्त में जाने को मजबूर हो चुका है। आदिवासियों को गुजरात की भाजपानीत सरकार की नीतियों ने इस कदर मजबूर कर दिया है कि वर्तमान में जब समूचा देश गर्मी के प्रकोप, गरीबी, महंगाई जैसी वीभत्स हालातों…
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भाजपा हो या कांग्रेस सबकी पसंद अडानी : छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार ने परसा कोयला…

छत्तीसगढ़ सरकार ने 6 अप्रैल 2022 को सूरजपुर और सरगुजा जिलों में पड़ने वाली परसा ओपनकास्ट कोयला खनन परियोजना के लिए…

मध्य प्रदेश सरकार का ग्राम सभाओं को कमजोर करना आदिवासियों के संवैधानिक मूल्यों का…

केन्द्रीय पेसा कानून, न्यायालयों के आदेश और संवैधानिक प्रावधानों के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों…

मध्य प्रदेश : ‘पेसा’ से उलट ‘पेसा’ के नियम

मध्य प्रदेश सरकार को करीब ढाई दशक पहले संसद में पारित ‘पेसा कानून’ की अब जाकर सुध आई है। पांच महीने पहले ‘पेसा’ के नियम-कानूनों का दस्तावेज तैयार करके उस पर संबंधित विभागों की राय मांगी गई, लेकिन इन नियम-कानूनों पर आम जनता, आदिवासी और व्यापक समाज की राय जानने के लिए इसे सार्वजनिक नहीं किया गया। ‘पेसा’ के नियम-कानूनों के सरकारी दस्तावेज में आखिर…
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मध्य प्रदेश सरकार बना रही 11 नए अभयारण्य : हजारों आदिवासियों पर विस्थापन का खतरा

मध्यप्रदेश का वन विभाग 11 नए अभयारण्य और रातापानी को टाईगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है। राज्य के…

आदिवासी क्षेत्र में कम्पनी के लिए भू- हस्तांतरण और संवैधानिक प्रावधान

भारत सरकार कानून 1935 की धारा 92 में प्रावधान था कि केन्द्र और राज्य कोई भी कानून पूर्णतः और आंशिक अपवर्जित(छोङा…

पच्चीसवें साल में पेसा : ग्राम सभा को सशक्त करने के लिए आया कानून खुद कितना मजबूत!

-कुंदन पाण्डेय पेसा यानी पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) क़ानून 1996 में आया था। इस कानून को आदिवासी-बहुल क्षेत्र में स्व-शासन (ग्राम सभा) को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से लाया गया था। इस कानून के वर्तमान स्थिति का अनुमान इस एक तथ्य से लगाया जा सकता है कि पच्चीस साल होने को है पर कुल दस में से चार राज्यों ने इसके लिए जरूरी…
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संसद द्वारा एकमत से पारित वनाधिकार कानून के बाद भी आदिवासियों, वनाश्रितों के साथ…

2006 में देश की संसद द्वारा ऐतिहासिक अन्याय खत्म करने को एकमत से 'वनाधिकार' कानून बनाया गया था। कानून से आस जगी थी…

छत्तीसगढ़ : कोयला खनन में पेसा कानून की अनदेखी पर फिर उठे सवाल, सरकार और ग्रामीण…

कोयला खनन के वास्ते केंद्र सरकार ने बीते दिसंबर महीने में 1957 में बने कानून का उपयोग करते हुए कोरबा जिले के…

‘विकास’ की वजह से विनाश की ओर जाता आदिवासी समुदाय : कान में तेल डालकर बैठी सरकारें

अब केवल विकास करते रहना ही जरूरी नहीं है, बल्कि अब विकास और विकास नीतियों की समीक्षा जरूरी है। 1986 मे संयुक्त राष्ट्र संघ ने विकास के अधिकार की उदघोषणा तैयार की, जिस पर भारत सहित अनेक राष्ट्रों ने हस्ताक्षर किए हैं। इस संधि के अनुसार विकास सभी नागरिकों का अधिकार है। विकास परियोजना के लिए तीन मापदंड निर्धारित किये गए हैं, (1) प्रभावित वयक्तियों की…
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