फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना के 10 वर्ष : सबक और सीख
जापान में 11 मार्च 2011 को आए भूकंप के बाद उठी विनाशकारी सुनामी लहरों की चपेट में फुकुशिमा परमाणु उर्जा संयत्र आ गया था। इसके बाद फुकुशिमा दायची परमाणु बिजली संयंत्र में रेडियोधर्म रिसाव हो गया था। इस हादसे में करीब 20 हजार लोगों की मौत हो गई थी। इससे फैले विकिरण से आस - पास के 20 किलोमीटर के इलाके प्रभावित है।लगभग 30 किलोमीटर इलाके को खाली करा कर…
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कृषि-संकट मानवता का संकट है, वक़्त आ गया है कि देश भर के वंचित अब संसद घेर लें!
पी साईंनाथ का यह आलेख पीप्लस आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया पर 22 जून 2018 पोस्ट किया गया था जो आज भी प्रासंगीक है.…
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : महिलाओं के नाम रहा आज पूरा किसान आंदोलन
सयुंक्त किसान मोर्चा प्रेस नोट
103 वां दिन, 8 मार्च 2021
सयुंक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर आज…
दिल्ली के 100 गांव एकजूट : किसान आंदोलन के समर्थन का ऐलान
-दीवान सिंह
दिल्ली के नजफ़गढ़ में 7 मार्च 2021 को किसान आंदोलन के समर्थन में आयोजित पंचायत में 100 गांवों के प्रतिनिधियों ने 3 कृषि कानून, आपसी भाईचारा और मीडिया का रोल पर चर्चा की गई।
इस पंचायत में करीब 100 गांवो के प्रतिनिधि और शहरी Resident welfare association (RWAs) ने मिलकर किसान आंदोलन के प्रति अपना समर्थन घोषित किया। भावी रणनीति के लिए 21…
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मध्य प्रदेश : चुटका से शुरू हुई नर्मदा चेतना यात्रा
जीवन दायनी नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवन रेखा एवं आस्था का केन्द्र है। परन्तु कई वर्षो से इस पर संकट छाया हुआ है। शहर…
कर्नाटक : ‘MSP दिलाओ अभियान’ में दिखें किसान विरोधी कानूनों से मंडी खत्म…
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने कर्नाटका से अपने ‘एमएसपी दिलाओ अभियान’ की शुरुआत की है। गुलबर्गा और बल्लारी की कृषि उपज…
उत्तर प्रदेश : पूर्वांचल में संयुक्त किसान मोर्चा के गठन का आगाज, बनारस सहित तीन जिलों में होगी महापंचायत
वाराणसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के राजनीतिक धड़े भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुआई वाली केंद्र की मोदी सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर पूर्वांचल में भी संयुक्त किसान मोर्चा के गठन और किसान आंदोलन की कवायद तेज हो गई है।
वाराणसी के राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ के…
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लैंड टाइटल एक्ट : विश्व बैंक के एजेंडे को आगे बढ़ाते नीति आयोग की नयी पेशकश
जिनके सरोकार बदलती दुनिया और एक नियमित अंतराल पर केंचुल बदलते पूंजीवाद से रहे हैं वे लंबे समय से यह बात कहते आ रहे…
100 दिन : अधिकारों और न्याय के संघर्षों में परिवर्तित होता किसान आंदोलन
-जगदीप सिंग संधू
कृषि पारंपरिक तौर से भारतीय समाज की सांस्कृतिक पहचान है। कृषि ही जीवन पद्धति की धुरी है। कृषि के…
किसान आंदोलन के 100 दिन : एक रिपोर्टर की नज़र से देखें दिल्ली बॉर्डर के हाल
-गौरव गुलमोहर
किसान आंदोलन तीन महीने का कठिन दौर पार कर चौथे महीने में प्रवेश कर चुका है। किसानों के सौ दिन डटे रहने को पूरी दुनिया अचंभित नज़रों से देख रही है। गाहे-बगाहे लोग अनुमान लगाते रहते हैं कि किसान अब और ज्यादा दिनों तक आंदोलन में नहीं बैठे रह सकते, लेकिन तभी किसान नया रणनीतिक दांव सामने लाकर सबको चौंका देते हैं। लोग अनुमान लगा रहे थे कि…
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