संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

डॉक्टर सुनीलम की सजा और दयामनी बारला की गिरफ्तारी पर संयुक्त वक्तव्य

पीयूसीएल, सोशलिस्ट फ्रंट, इंसाफ, वाटर राइट कैंपेन, आर जे डी, डी एन ए मुंबई, इंडियन सोशलिस्ट जैसे संगठनों और चितरंजन सिंह, अनिल चौधरी, विजय प्रताप, विल डिकोस्टा, किरन शाहीन, असित दास, रजनी कांत मुदगल, संजय कनोजिया, गंगाधर पाटिल, जैसे वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने डॉ सुनीलम और दयामनी बारला की रिहाई के लिए यह साझा अपील जारी की है. हम…
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लोकतंत्र सलाखों के पीछे: डॉ. सुनीलम की पत्नी का पत्र

मुलताई गोलीकांड में 14 साल बाद पिछली 18 अक्टूबर को फ़ैसला आया और जैसा कि अंदेशा था, डा. सुनीलम समेत तीन लोगों को…

सुनीलम् की रिहाई के लिये देशभर में आंदोलन और मुहिम चलाई जायेगी

देश में लोकतंत्र, जल जंगल और ज़मीन तथा वंचित वर्गों की हिस्सेदारी और गरिमा के लिए वर्षों से संघर्षरत प्रख्यात…

दयामनी बारला के समर्थन में राजभवन पर प्रदर्शन

यह विडियो सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला है जो इन दिनों न्यायिक हिरासत में रांची जेल में हैं। उन्होंने गुज़री 16 अक्टूबर को छह साल पुराने मामले में आत्मसमर्पण किया था। यह मामला मनरेगा से जुड़े गड़बड़झाले के ख़िलाफ़ उनकी अगुवाई में हुए प्रदर्शन को लेकर दर्ज़ किया गया था। 18 अक्टूबर को कोर्ट से बेल भी मिल गई परंतु वो जेल से बहार नहीं आ पाई. जब…
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गोरखपुर: किसानों का एलान, जान देगें- जमीन नहीं

भूमि अधिग्रहण का विरोध : पैदल मार्च कर किसानों ने गीडा कार्यालय में जड़ा ताला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के गीडा…

बनवारी लाल शर्मा: किशन पटनायक की सातवीं पुयतिथि पर दिया गया भाषण

यह विडियो दिवंगत प्रो. बनवारी लाल शर्मा के भाषण का है जो उन्होंने 27 सितंबर 2011 को समाजवादी चिंतक किशन पटनायक की सातवीं पुयतिथि पर भुवनेशवर में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता दिया था। इस भाषण में उन्होंने खगोलीकरण की नीतियों की तीखी आलोचना की, सरकारों की कंपनीपरस्ती को कटघरे में खड़ा किया और साझा संघर्षों की ज़रूरत को सामने रखा।
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डॉ. सुनीलम को उम्रकैद पर आंदोलन की रणनीति के सम्बन्ध में बैठक

डॉ. सुनीलम को उम्रकैद पर आंदोलन की रणनीति के सम्बन्ध में बैठक तारीख: 28 अक्टूबर 2012 समय: शाम 3 बजे से…

डॉ. सुनीलम के केस पर वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ताओं की विज्ञप्ति

देश में लोकतंत्र,जल जंगल और ज़मीन तथा वंचित वर्गों की हिस्सेदारी और गरिमा के लिए वर्षों से संघर्षरत प्रख्यात…

पुनर्वास के बजाय लाठियां

बिहार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। यहां अहिंसात्मक आंदोलन करने वालों की ख़ैर नहीं। दानापुर अनुमंडल अन्तर्गत टेसलाल वर्मा नगर के गरीब इसके गवाह हैं। गांवघर से विस्थापित होकर शहर में स्थायी ठौर जमाने के लिए उन्हें तीन बार विस्थापित होना पड़ा। चौथी बार विस्थापन निश्चित है। इस प्रकरण पर आलोक कुमार की रिपोर्ट; 11 अक्टूबर को बिहार में लोकनायक…
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