संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

बन्दूक की नोक पर विकास नहीं होगा….

छिंदवाड़ा में पुलिसिया दमन और गिरफ़्तारियों के बल पर किसान आन्दोलन को दबाने, और किसानों को उजाड़ने का विरोध तेज हुआ मेधा पाटकर, आराधना भार्गव और अन्य 23 गिरफ्तार अन्दोलनकारियों को तत्काल रिहा करों! 4 नवम्बर की रात को मेधा पाटकर सहित 23 अन्य की छिंदवाडा में हुई गिरफ्तारी से स्पष्ट हुआ है कि “ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट” के सुन्हेरे…
और पढ़े...

पेंच व्यवर्तन परियोजना: संघर्ष जारी और जरुरी हैं – मेधा पाटकर

छिंडवाड़ा जिले में पेंच नदी पर 41 मीटर का बड़ा बांध केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ जी के चुनाव क्षेत्र में राज्य और केन्द्र शासन मिलकर बिना मंजूरी के बना रहे हैं। इसके खिलाफ संघर्ष सीमा पार पहुंचा है। इस परियोजना के क्षेत्र के 31 गांव डूब क्षेत्र में आ रहे हैं, लगभग 5600 हेक्टेयर भूमि जो कि किसानों की है इसमें से अधिकांश किसानों की भूमिअर्जन का कार्य पूरा…
और पढ़े...

जितना ऊंचा विकास का पहाड़, उतनी गहरी बदहाली की खाई

इस व्योपारी को प्यास बहुत हैगिर्दा उत्तरांचल में हुए तमाम जन आंदोलनों की सांस्कृतिक आवाज़ थे- चाहे वह नशा नहीं…

पदयात्रा : जनद्रोही क़ानूनों और राज्य दमन के ख़िलाफ़, पोटका से राँची राजभवन

पदयात्रा का कार्यक्रम 02 नवम्बर 2012 : पोटका से आरम्भ रोलाडीह, हाता चौक में जन सभा गीतिलता- कुदादा वन पर्यावरण द्वारा स्वागत रात्रि विश्राम- तुरामडीह में एवं जन सभा 03 नवम्बर 2012 : तुरामडीह से करनडीह सकची में जन सभा बिस्ठुपुर से ईमली चौक एवं आदित्यपुर में जन सभा आदित्यपुर से गम्हारिया में जन सभा 04 नवम्बर 2012 : गम्हरीया से चाण्डिल…
और पढ़े...

पेंच व्यपवर्तन विरोधी आंदोलन: आंदोलनकारियों पर कसा जिला प्रशासन का शिकंजा

देश के नागरिकों से अपील डॉ. सुनीलम को जेल भेजने के बाद जिला प्रशासन ने पुरे छिंदवाडा क्षेत्र में धारा 144 लागू कर…

लूट के महायज्ञ में प्राकृतिक संसाधनों और आदिवासियों की बलि

हरियाली के आखेटक इलाहाबाद की ग़रीब बस्तियों के वाशिंदों के बीच अंशु मालवीय उनके संघर्षों के जुझारू साथी के तौर पर…

दयामनी बारला: 3 अगस्त 2011 को भूमि अधिग्रहण के विरोध में जंतर मंतर पर पर दिया गया भाषण

यह विडियो सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला के भाषण का है जो (गुज़री 16 अक्टूबर से न्यायिक हिरासत में रांची जेल में बंद हैं।) उन्होंने 3 अगस्त 2011 को भूमि अधिग्रहण के विरोध में जंतर मंतर, नई दिल्ली में आयोजित धरने में दिया था। इस भाषण में उन्होंने कोर्पोरेट्स की लूट की तीखी आलोचना करते हुए, सरकारों की कंपनीपरस्ती को कटघरे में खड़ा किया और साझा…
और पढ़े...