हमको दयामनी बरला से क्या काम ?
हमको दयामनी बरला से क्या काम ?
अब बड़ा खतरा है दायमनी बरला होने में
अब आदिवासी होने में खतरा है
अब गाँव में रहने में खतरा है
गाँव में ज़मीन है
गाँव में पेड है
गाँव में नदी है
गाँव में खनिज है
गाँव में लोग हैं
गाँव में दायमनी बरला भी है
गाँव की ज़मीन पर कम्पनी की नजर है
गाँव की नदी पर कम्पनी की नजर है
गाँव के पेड़ों पर कम्पनी की…
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दस्तावेज: डॉ. सुनीलम को केस क्रं. 278/6 में सुनाई गई सज़ा की मूलप्रति
दस्तावेज: डॉ. सुनीलम को केस क्रं. 278/6 में सुनाई गई सज़ा की मूलप्रति
दस्तावेज: डॉ. सुनीलम को केस क्रं. 280/6 में सुनाई गई सज़ा की मूलप्रति
दस्तावेज: डॉ. सुनीलम को केस क्रं. 280/6 में सुनाई गई सज़ा की मूलप्रति
दस्तावेज: डॉ. सुनीलम को केस क्रं. 277/6 में सुनाई गई सज़ा की मूलप्रति
दस्तावेज: डॉ. सुनीलम को केस क्रं. 277/6 में सुनाई गई सज़ा की मूलप्रति
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जेल से डॉ. सुनीलम की चिट्ठी
प्रिय साथियो, आपको फैसले के संबंध मे पता चल गया होगा, मुझे इन्स्पेक्टर सरनाम सिंह को जलाकर मारने, टीआई एस.एन.कटारे…
सरकारी इशारों पर नाचती निचली अदालतें
मुलताई गोलीकांड में 14 साल बाद पिछली 18 अक्टूबर को फ़ैसला आया और जैसा कि अंदेशा था, डा. सुनीलम समेत तीन लोगों को…
पूर्व विधायक सुनीलम सहित 3 को उम्रकैद
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई में किसानों पर हुई गोलीबारी के प्रकरण पर 14 वर्ष बाद फैसला आया है। मुलताई न्यायालय के न्यायाधीश एस.सी. उपाध्याय ने मुलताई गोलीकांड में हत्या के दोषी पाए जाने पर पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम सहित तीन लोगों को आजीवन कारावास एवं हत्या के प्रयास में सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। ज्ञात हो कि वर्ष…
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मुलताई गोलीकाण्ड के महत्वपूर्ण प्रकरणों में फैसला: डॉ .सुनीलम्
सर्व विदित है कि मध्यप्रदेष के बैतूल जिले की मुलताई तहसील के सामने 12 जनवरी 1998 को मुलताई मे लगातार फसले खराब…
किसानो के हित मे संघर्ष जारी रहेगा- डॉ. सुनीलम्
किसान संघर्ष समिति
शहीद किसान स्मृति कुटीर
स्टेशन रोड,मुलतापी, बैतूल ( म.प्र.), 460661
किसान संघर्ष…
दयामनी बारला : फौलादी इरादों वाली भारतीय महिला
दयामनी बारला को आज जमानत मिल गई है इस मोके पर हमें जश्न मनाने से ज्यादा इस बात पर गौर करना चाहिए कि सामाजिक कार्यकर्ताओं, मनावाधिकर्मियों और दुसरे संघर्षशील साथियों को फर्जी मुकदमों में फ़साये जाने का ये सिलसिला और दमन चक्र कैसे रुके. क्योंकि मामला किसी एक दयामनी का नहीं है... उन्हें छह साल पुराने मामले में उन्होंने गुज़री 16 अक्टूबर को आत्मसमर्पण…
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