नर्मदा घाटी के विस्थापितों पर हो रहे ऐतिहासिक अन्याय के खिलाफ नर्मदा जल जमीन हक सत्याग्रह; 30 जुलाई, राजघाट- बडवानी, म.प्र
36 साल से देश के सबसे बड़े विस्थापन के शिकार नर्मदा बांध के विस्थापितों की पुनर्वास और पुनर्स्थापन की लड़ाई अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच रही है। मोदी सरकार ने सरदार सरोवर बांध का कार्य भी अब पूरा कर दिया है । गेट्स लगाकर बांध की उंचाई 138.68 मीटर्स तक पहुंचाई गयी है। अब गेट्स लगाना बाकी है। यह गैरकानूनी डूब थोपने का निर्णय व कार्य मोदी सरकार…
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36 साल बाद नर्मदा विस्थापितों को एक बार फिर उजाड़ने को तैयार गुजरात सरकार
सन 1980 के दौरान पहली बार नर्मदा बांध से विस्थापित मध्य प्रदेश के 19 गाँवों के आदिवासियों को…
नवलगढ़ की महिलाओं ने किया मुख्यमंत्री से सवाल : किसके हक में है यह विकास ?
राजस्थान के नवलगढ़ में पिछले 2500 से भी ज्यादा दिनों से बांगड़-बिड़ला सीमेंट प्लांट के विरुद्ध हो रहे अवैध…
फिर मंडराया सिंगरौली पर विस्थापन का संकट : एक लाख से ज्यादा लोगों को उजाड़ने की तैयारी
देश की ऊर्जा राजधानी के रूप में प्रख्यात सिंगरौली क्षेत्र एक बार फिर गहरे संकट की ओर बढ़ रहा है। सिंगरौली की जो जमीन कभी घने वनों, वन्यजीवों, भारी बरसात के कारण बीहड़ और रहस्यमय मानी जाती थी वह आज उजड़ रही है। हवा में जहर घुल गया है, चारों तरफ कोयला की राख और धूल ने खेतों और पानी के स्रोतों को जहरीला बना दिया है। और इतना हो जाने के बाद भी…
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नर्मदा बांध विस्थापित गुजरात के अनशनकारियों को देश भर के जन संघर्षों का समर्थन
गुजरात के बड़ोदरा शहर के केवड़िया कॉलोनी में नर्मदा बांध विस्थापित आदिवासी पिछले 6 दिनों से क्रमिक…
पेंच बांध से विस्थापित शरणार्थियों से भी बदतर जीवन जीने को मजबूर : जांच दल की…
इस तस्वीर को ध्यान से देखिए, यह तस्वीर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में पेंच बांध से विस्थापित लोगों को बसाने के…
जबरन भूमि अधिग्रहण, कार्पोरेट लूट और फासीवाद के खिलाफ निर्णायक जंग का एलान :देश भर के जनसंघर्षों ने अहमदाबाद में लिया संकल्प
देश में वैश्विक पूंजी के हमले की वजह से बढ़ते निरंकुश कॉर्पोरेटीकरण तथा महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के खोल देने का परिणाम हुआ है बढ़ती कीमतें, महंगाई और कॉर्पोरेट द्वारा प्राकृतिक संसाधनों की खुली लूट । और इन सबको आसान बना रही है केंद्र सरकार और चंद राज्य सरकारों की नीतियां। इन्हीं हालातों में भूमि अधिकार आंदोलन ने गुजरात…
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गुजरात मॉडल की सच्चाई : आंकड़ों के फर्जीवाड़े और पसंदीदा कार्पोरेटों की लूट का मॉडल
भूमि अधिकार आंदोलन के बैनर तले चल रहे तीन दिवसीय जनसंघर्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन 17 जुलाई…
जनसंघर्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन के तीसरे और अंतिम दिन सुबह 10 बजे से खुला सत्र
भूमि अधिकार आंदोलन के बैनर तले अहमदाबाद के गुजरात विद्यापीठ में आयोजित हो रहे जनसंघर्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन…
तबाही और जमीन की लूट का दूसरा नाम है गुजरात मॉडल : मेधा पाटेकर
अहमदाबाद, 16 जुलाई 2016 : आज अहमदाबाद के गुजरात विद्यापीठ में भूमि अधिकार आंदोलन के बैनर तले तीन दिवसीय जनसंघर्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन सत्र पूर्व सांसद हनन मुल्ला की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सम्मेलन में आए वक्ताओं ने देश में प्रचारित किए जा रहे गुजरात के विकास मॉडल का पर्दाफाश करने पर जोर दिया और जल-जंगल-जमीन और जनतंत्र की…
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