संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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आदिवासी

वन भूमि अतिक्रमण: सरकारी दावों में विरोधाभास,आदिवासियों के अधिकारों पर संकट

मध्यप्रदेश में वन भूमि अतिक्रमण को लेकर सरकारी आंकड़ों और दावों में गंभीर विरोधाभास सामने आया है। एनजीटी में प्रस्तुत हलफनामे में जहां 5.46 लाख हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण की बात मानी गई है, वहीं वन विभाग की रिपोर्टें पुराने आंकड़ों पर ही अटकी हैं। इस विरोधाभास ने वन अधिकार कानून के तहत आदिवासियों को मिलने वाले अधिकारों को लेकर कई सवाल…
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गुजरात: सरकारी अस्‍पताल के निजीकरण के प्रयासों के खिलाफ आदिवासी समुदाय का विरोध

दक्षिण गुजरात के तापी जिले में स्थित व्‍यारा के सरकारी अस्‍पताल और नव-स्वीकृत मेडिकल कॉलेज के निजीकरण के…

झारखंड: किसान किसी कीमत पर अदाणी को नहीं देंगे अपनी ज़मीन

हजारीबाग के बड़कागांव ब्लॉक के पांच गांवों गोंदुलपारा, गाली, बलादार, हाहे और फूलंगा के ग्रामीणों की बहुफसली कृषि…

यह किसान और जनता विरोधी बजट है!

प्रधानमंत्री जी ने बजट 2025-26 की घोषणा करते हुए इसे ‘गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी का बजट’ बताया था, लेकिन 2025-26 के 50.65 लाख करोड रुपयों के बजट में इन वर्गों के लिए संबंधित मंत्रालयों के बजट में कोई अतिरिक्त प्रावधान नहीं दिखाई देता। ये पिछले साल के बजट से तीन लाख करोड रुपये यानी 6.27 प्रतिशत ज्यादा है। बजट 2025-26 में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य,…
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मध्य प्रदेश : जंगल बचा रहे अलीराजपुर के आदिवासी

आजादी के पचहत्तर साल में वन अधिकार पर अब जाकर कुछ बातें हो रही हैं और परंपरागत वनवासियों को कहीं-कहीं पट्टे दिए भी…

लघु वन उत्पादों से बेदखल होते आदिवासी

अपने तरह-तरह के जैविक, सामाजिक और प्राकृतिक उपयोगों के आलावा आजकल जंगल व्यापार-धंधे में भी भारी मुनाफा कूटने के काम आ रहे हैं। इसमें सेठों, सरकारों की बढ़-चढ़कर भागीदारी हो रही है। कैसे किया जाता है, यह कारनामा? और क्या होते हैं, इसके नतीजे? प्रस्तुत है, इसी विषय पर प्रकाश डालता राज कुमार सिन्हा का यह लेख; देश के 625 जिलों में से 190 जिलों में…
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झारखण्ड : नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी संघर्ष के ऐतिहासिक सबक

सेना के गोला-बारूद की मारक क्षमता की जांच के लिए झारखंड के नेतरहाट में की जाने वाली चांदमारी करीब छह दशक बाद आखिर…

पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों के राज्यपालों को गृह मंत्रालय का दिशा-निर्देश

दिल्ली 26 मई 2022। पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों (राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, उड़ीसा, गुजरात, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना) में राज्यपालों द्वारा अपने संवैधानिक अधिकारों का समुचित पालन नहीं करने के कारण गृह मंत्रालय द्वारा 29 अप्रैल 2022 को राज्यपालों को एक दिशा निर्देश जारी किया गया है। पांचवीं अनुसूची के…
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