संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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राज्यवार रिपोर्टें

छत्तीसगढ़ : अडानी से जंगल और ज़मीन बचाने के लिए आदिवासियों ने शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना

  पिछले 7 दिनों से परसा कोल ब्लॉक के विरोध में हरिहरपुर, फतेहपुर साल्ही आदि गांव के आदिवासी धरने पर बैठे है। परसा कोल ब्लॉक के फर्जी प्रस्ताव पर कार्यवाही और कोयला खनन परियोजना निरस्त नही हुई तो हसदेव के ग्रामीण करेंगे रेल रोको आंदोलन। 9 मार्च 2022 सरगुजा। हसदेव अरण्य क्षेत्र के सरगुजा जिले में ग्राम फतेहपुर, साल्ही हरिहरपुर के ग्रामीण आदिवासियों…
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मध्य प्रदेश : बगैर पर्यावरण स्वीकृति के बना दिया आंवलिया बांध, डूबा दीं सैकड़ों किसानों की जमीनें

पर्यावरण मंत्रालय द्वारा आंवलिया परियोजना की अर्जी का प्रकरण बंद बांध का काम रुका बिना पर्यावरणीय मंजूरी के किया गया निर्माण कार्य आंवलिया बांध प्रभावितों की बड़ी जीत 25 फरवरी 2022; केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा  मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में बन रही आंवलिया मध्यम सिंचाई परियोजना की पर्यावरणीय मंजूरी की अर्जी का प्रकरण बंद कर दिया है…
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मध्य प्रदेश : आदिवासी मजदूरों के साथ हो रही बेगारी, हिंसा एवं यौन शोषण के विरोध…

मध्य प्रदेश के  बड़वानी जिले में जागृत आदिवासी दलित संगठन द्वारा 24 फरवरी 2022 को आदिवासियों से बेगारी करवाने एवं…

बंधुआ मजदूरी में धकेले जा रहे हैं मध्य प्रदेश के युवा आदिवासी

बंधुआ मजदूरी में धकेले जा रहे हैं मध्य प्रदेश के युवा आदिवासी; मध्य प्रदेश सरकार की उदासीनता का फायदा उठा रहे…

बिहार : कोशी तटबंध प्रभावितों का सत्याग्रह

सुपौल 16 फरवरी 2022; एतिहासिक रूप से नीतिगत अन्याय की पीड़ा भोगने पर विवश, कोशी तटबंध के बीच के लोग, सुपौल जिला पदाधिकारी के समक्ष आपनी मांग उठाते हुए 14 व 15 फरवरी को सत्याग्रह पर बैठे रहे। सत्याग्रह के पहले दिन डीडीसी से वार्ता हुई कोई ठोस नतीजा नही निकला। जारी सत्याग्रह के दूसरे दिन अनुमंडल पदाधिकारी व जिला आपदा प्रभारी सत्याग्रह स्थल पर आकर…
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झारखण्ड : विस्थापितों का सीसीएल के खिलाफ़ 14 फरवरी को चक्का जाम

बोकारो 14 फरवरी 2022; विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति ने बेरमो के बैनर तले विस्थापितों का 14 फरवरी 2022 को पूर्व…

दिल्ली की आँगनवाड़ी महिलाकर्मी 31 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर!

दिल्ली की आँगनवाड़ी महिलाकर्मी अपनी जायज़ माँगों को लेकर पिछले 15 दिनों से लगातार संघर्षरत हैं। मालूम हो कि केन्द्र…

पांच राज्यों में चुनाव : खारिज होता पर्यावरण 

पांच राज्यों  में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में मतदाताओं को लुभाने हेतु दिये आश्वासनों या घोषणाओं में पर्यावरण सुधार की कहीं, कोई चर्चा नहीं की गयी है। हमेशा की तरह वे सभी धतकरम किए जा रहे हैं जिन्हें हमारे मौजूदा तर्ज के लोकतंत्र ने आत्मसात कर लिया है, लेकिन क्या इस धमा-चौकड़ी में हमारे जीवन के लिए जरूरी पर्यावरणीय मुद्दों को कोई तरजीह दी जा…
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