संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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विस्थापन विरोधी आंदोलन

रेल विस्तार परियोजनायें : भूमि अधिग्रहण का तीखा विरोध

सिंगूर और नंदीग्राम के प्रस्तावित भूमि अधिग्रहणों पर ग्रहण लगाने के बाद हाबड़ा के सांकराइल, बोलपुर, हुबली के डानकुनी, तारकेश्वर, विष्णुपुर, सिलीगुड़ी, पांशकुड़ा तथा शालबनी यानी हाबड़ा, शांति निकेतन, हुबली के आस पास के क्षेत्रों में रेल मंत्रालय की प्रस्तावित या बिलंबित परियोजनाओं को अमली जामा पहनाये जाने के विरोध में किसान स्थानीय स्तर पर ’कृषि…
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निरमा सीमेंट प्लांट विरोधी संघर्ष

महुआ क्षेत्र 1998 तक सौराष्ट्र का कश्मीर हुआ करता था वहां अधिकतर सभी फसलें हुआ करती थीं। आज भी महुआ की सब्ज़ी बम्बई जाती है। ऐसी धरती पर निरमा के किशनभाई पटेल ने एक सीमेंट प्लाट लगाने का प्रपोज़ल गुजरात सरकार को 2003 के ‘ग्लोबल समीट’ में दिया। किसानों ने साफ तौर पर कहा कि यह ज़मीन उपजाऊ है, हम यह ज़मीन किसी भी कीमत पर नहीं देंगे। पिछले करीब 2 साल…
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बलात कब्जायी जमीनें, अपनाया साम-दाम-दण्ड-भेद का आजमाया तरीका! सरकार एवं कम्पनियों…

छत्तीसगढ़ राज्य में 69000 एकड़ जमीन (जो कृषि भूमि है) को गैर कृषि कार्यों हेतु स्थानांतरित कर दिया गया। सड़क के…

कार्यवाहियाँ पूर्व निर्धारित फिर भी जारी है जन सुनवाइयों की नौटंकी

पर्यावरण विभाग की जांच संदेह के घेरे में। कोल वाशरी की बोलती तस्वीरें। मामला ‘‘जिंदल कोल वाशरी’’ जन सुनवाई का…

पॉवर प्लांट से विस्थापित एक गांव की कहानी

मुआवजा मिल गया, खर्च भी हो गया अब क्या करें ?   टिहरी गढ़वाल जनपद के मुनेठ गांव की हकीकत विस्थापन की त्रासदी और विकास के दावों की असलियत बयाँ करती है। यह गांव कोटली भेल 1 अ परियोजना के अन्तर्गत विस्थापित किये गये गांवों में से एक है। इस परियोजना के तहत 195 मेगावाट बिजली उत्पादित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना के तहत 11 गांवों की 19589…
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नेशनल हिल्स पार्क : 37 गांवों के वाशिंदों को हटाकर जानवरों को बसाने का फरमान

राजस्थान के चित्तौड़गढ जिले के ब्लॉक भैसरोडगढ में राजस्थान सरकार ने तीन ग्राम पंचायतों के 37 गांवों के वाशिंदों…

मित्तल को अब चाहिए बोकारो में जमीन विरोध में आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच ने…

झारखण्ड सरकार ने अगस्त 2005 में मित्तल कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये थे। इस एमओयू के आधार पर कंपनी 12,000…

थर्मल पॉवर प्लांट का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने चलाई गोली : 2 की मौत सैकड़ों घायल

आन्ध्र प्रदेश के सिरीकाकुलम जिले के सोमपेटा मण्डल के 30 गांवों को उजाड़कर बनाये जाने वाले थर्मल पावर प्लांट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों गांव वालों पर 14 जुलाई 2010 को पुलिस ने लाठी चार्ज किया तथा गोलियां चलाईं। इस घटना में दो व्यक्ति मारे गये तथा दर्जनों लोग घायल हो गये। 45 पुलिस कर्मी भी इस घटना में घायल हुए। बरूआ गांव के पास हुई इस फायरिंग…
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