संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

खण्डधार पहाड़ियों-झरनों को कॉरपोरेट से बचाने की लड़ाई तेज

बीती 26 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब दिल्‍ली से समूचे देश को गणतंत्र का पाठ पढा रहे थे, ठीक उसी वक्‍त करीब 1500 किलोमीटर दूर इस तंत्र से खुद को बचाने के लिए कुछ लोग सत्‍याग्रह पर बैठने को मजबूर थे। ओडिशा के सुदंरगढ़ जिले में स्थित खंडाधार जलप्रपात व खंडाधार की पहाडि़यों को खनन के लिए कॉरपोरेट घरानों के हाथों नीलाम करने की भारत सरकार की…
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बुंदेलखंड : संकट में उम्मीद का सहारा

देश के सबसे केंद्र में स्थित बुंदेलखंड सूखा व ओलावृष्टि से लगातार प्रभावित हो रहा है। पिछले डेढ़ दशक से लगातार मौसम प्रतिकूलता की मार झेल रहा यह क्षेत्र अब उम्मीद कर रहा है कि नीति निर्धारक इस क्षेत्र का संकट दूर करने के लिए कुछ नए ढंग से सोचेंगे। जिस तरह जीवनबीमा, जीवन का पर्याय नहीं हो सकता ठीक उसी तरह कृषि बीमा भी कृषि का विकल्प…
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महेश्वर परियोजना : पूरा घूमा मिथ्याचक्र

एस कुमार्स द्वारा महेश्वर जलविद्युत परियोजना के क्रियान्वयन में अनियमितताएं, हजारों करोड़ रु. व प्राकृतिक…

अडाणी पॉवर प्रोजेक्ट : राज्यपाल और आदिवासी आयोग से हस्तक्षेप की मांग

फ़ाइल तस्वीर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अडाणी द्वारा छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में रिजेक्टेड…

मध्य प्रदेश के वन कर्मियों का कारनामा : 23 आदिवासी परिवारों को किया बेघर

19 दिसम्बर, 2015 एक-तरफ, जब म. प्र. बैतूल जिले का आदिवासी के हालात इतने बद्दतर हो गए है कि वो पहली बार आत्महत्या की तरफ बढ़ रहा है – विगत माह चार आदिवासी किसानों ने आत्महत्या की, तब सरकार उन्हें मदद करने की बजाए: उनकी खडी फसल में बुलडोजर चला रही है; कीटनाशक का जहर डाल बर्बाद कर रही है; फलदार पेड़ उखाड़ रही है; उनके आशियाने…
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छत्‍तीसगढ़ में कैद बेगुनाह पत्रकारों के समर्थन में उतरे प्रतिष्ठित लेखक,…

नई दिल्‍ली, 20 दिसंबर : छत्‍तीसगढ़ की जेल में फर्जी मुकदों में बंद दो पत्रकारों संतोष यदव व सोमारू नाग की…

हम मछुआरों का एक ही नारा नहीं छोड़ेगे पेंच किनारा

मध्य प्रदेश के छिन्द्वारा जिले में किसान संघर्ष समिति द्वारा 19 दिसम्बर को खकरा चौरई में पेंच नदी के किनारे रहनें वाले मछुआरों का पेंच नदी में रेत खेती (डिंगरबाडी) डूब का मुआवजा दो सम्मेलन, हरि बनवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। पेंच नदी पर बांध बनने से प्रभावित गाडरा नकझिर, राजाखोढाना, सिंगोडी, बांका, मढकासिहोरा, भूलामोहगांव, बरहाबिरहारी,…
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