मध्य प्रदेश : सरदार सरोवर परियोजना से विस्थापित ढाई सौ गांवों की आबादी आज भी अपने…
करीब आधी सदी में पूंजी और इंसानों के ढेरों संसाधन लगाकर पश्चिमी मध्यप्रदेश में ‘सरदार सरोवर जल-विद्युत परियोजना’…
उत्तराखण्ड : बांधों से बेहाल हिमालय
साठ के दशक में ‘नए भारत के तीर्थ’ माने गए बड़े बांध आजकल किस तरह की त्रासदी रच रहे हैं, इसे देखना-समझना हो तो केवल…
दिल्ली में उठी छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य की ग्राम सभाओं की आवाज़
छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य के 1.70 लाख हेक्टेयर के घने जंगल में कोयला खनन के खिलाफ पिछले दस सालों से स्थानीय आदिवासी और ग्राम सभाएँ संघर्ष कर रही हैं। इस इलाके को कभी ‘नो गो एरिया’ घोषित किया गया था। इसी महीने आदिवासियों ने तीन सौ किलोमीटर की पद यात्रा कर के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मुलाक़ात की थी लेकिन सप्ताह भर बाद ही परसा इलाके में ग़ैरक़ानूनी…
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किसानों को न्याय दिलाने का ऐतिहासिक आंदोलन के 11 माह पूरे : दशा और दिशा
यूं तो भारत में किसान आंदोलन का इतिहास आजादी के आंदोलन से साथ जुड़ा हुआ है। आजादी के बाद भी किसान आंदोलन लगातार चलते…
मध्य प्रदेश : बार-बार विस्थापन से मानसिक, भावनात्मक व शारीरिक रूप से टूट रहे…
"जल, जंगल, जमीन ही हमारी सम्पत्ति है। सरकार हमें विस्थापित कर हमारी संस्कृति को ही खत्म कर देना चाहती है। यह तो…
वन संरक्षण कानून 1980 में प्रस्तावित संशोधन जंगल को कॉरपोरेट्स के हाथों बेचने की साजिश : भूमि अधिकार आंदोलन
नई दिल्ली : 2014 में एनडीए सरकार द्वारा प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण अधिनियम का विरोध करने के लिए शुरू किए गए भूमि अधिकार आंदोलन समूह ने 12 नवंबर को एक बार फिर राष्ट्रव्यापी विरोध का आह्वान करते हुए प्रस्तावित संशोधनों को तर्कहीन और असंवैधानिक बताया। वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 2 अक्टूबर को उसी अधिनियम में 1988 में किए गए संशोधनों के संदर्भ में…
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मध्य प्रदेश में पेसा कानून का क्रियान्वयन : जहाँ 25 साल बाद नियम तक नहीं बने !
मध्य प्रदेश के कुल भू -भाग का 22.07 प्रतिशत (68 हजार वर्ग किलोमीटर) अनुसूचित क्षेत्र है जो संविधान के अनुच्छेद…
मध्य प्रदेश सरकार बना रही 11 नए अभयारण्य : हजारों आदिवासियों पर विस्थापन का खतरा
मध्यप्रदेश का वन विभाग 11 नए अभयारण्य और रातापानी को टाईगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है। राज्य के…
ओडिसा : जबरन जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रही आदिवासी महिला नेता को किया नज़रबंद
अनिल अंशुमन
ओडिशा प्रदेश स्थित सुंदरगढ़ में 23 अगस्त एक प्रकार से दुर्भाग्यपूर्ण और विडम्बना भरे दिन के रूप में ही याद किया जाएगा। क्योंकि इस दिन एक ओर, इस क्षेत्र से गए भारतीय हॉकी के उन सभी आदिवासी महिला खिलाड़ियों, जिन्होंने इस बार के ओलम्पिक में देश का नाम उंचा किया, का ज़ोरदार राजकीय स्वागत किया गया, वहीं दूसरी ओर इसी जिला!-->!-->!-->…
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