डिमना बांध : टाटा के विरोध में विस्थापितों का जल सत्याग्रह
टाटा कंपनी को कालीमाटी से कोरस तक पहुंचने में डिमना बांध के विस्थापितों का क्या योगदान है, किसी को भी पूछा जाय तो स्पष्ट रूप से जवाब आयेगा कि डिमना बांध विस्थापितों ने टाटा कंपनी के विकास के लिए अपने पूर्वजों के गांव को त्याग कर जमीन दिया। बांध से 12 मौजा जलमग्न हैं। विस्थापित परिवार दलमा के तराई पर बसने के लिए मजबूर हुए। आज भी देखा जा सकता है…
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डिमना बांध के विस्थापितों का जल सत्याग्रह
जल जंगल जमीन की लूट, नहीं किसी को इसकी छूट।
अतीत के विस्थापितों को न्याय चाहिए, डिमना बांध के…
डिमना बांध : टाटा के विरोध में विस्थापितों का जल सत्याग्रह शुरू
डिमना डेम के पहले यहाँ 12 गाँव हुआ करते थे। जो आज भी हैं बसे हैं पर दुसरी जगह पर । आज जिस तरह से लोग विस्थापन…
गुजरात में परमाणु प्लांट के खिलाफ उठी आवाज
गुजरात में मीठी विर्दी से भावनगर तक हज़ारों किसानों ने सोमवार 23 सितम्बर 2013 को मार्च किया और प्रस्तावित परमाणु बिजली परियोजना का विरोध किया। इसी परियोजना के लिए प्रधानमंत्री द्वारा अमेरिकी कंपनी वेस्टिंगहाउस के साथ बिना मुआवजे के प्रावधान के व्यावसायिक समझौता करने संबंधी खुलासे पर हाल ही में मीडिया, बुद्धिजीवियों और विपक्षी पार्टियों द्वारा…
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सरदार सरोवर बांध : खामियाजा भुगतती नर्मदा घाटी
सरदार सरोवर बांध जलाशय की डूब में आए 200 से अधिक गांवों के लाखों नागरिक पिछले तीन दशकों से मांग कर रहे हैं कि…
अमेरिकी कंपनियों के लिए परमाणु मुआवजा क़ानून को धता बताती सरकार
ओबामा शासन द्वारा लगातार पड़ रहे दबावों के प्रभाव में मनमोहन सिंह की
सरकारनाभिकीय जिम्मेदारी कानून के बारे में…
नियमगिरि की जंग : कारपोरेट और राज्य सत्ता को कड़ी टक्कर
नियमगिरि का सवाल अपने आप में कोई स्वायत्त और स्वतंत्र सवाल नहीं है. यह बहुराष्ट्रीय कंपनी वेदांता के 40,000 करोड़ रुपये के निवेश का मामला है जिसमें अंतराष्ट्रीय पूंजी समेत सरकारों की इज्जत भी दांव पर लगी हुई है... देश में ऐसे सैकड़ों नियमगिरि हैं जहाँ बुनियादी विरोधाभास ग्लोबल पूंजी के हितों और स्थानीय संसाधनों पर मालिकाने के बिच हैं. नियमगिरि…
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चुटका : घुप्प अंधियारे में रोशनी का खेल
चुटका ने सत्ताधारियों को पुनः जतला दिया है कि अब उनकी चुटकी बजाते ही आदिवासी व अन्य वंचित समुदाय घुटने नहीं टेक…
नियामगिरि: 7 ग्राम सभाओं ने वेदांता को खारिज किया
ओड़िसा के कालाहांडी ज़िले के फुल्दुमेर में 29 जुलाई 2013 को हुई 7वीं ग्राम सभा की बैठक ने भी…
अनशन की बाढ़ और वायदों का कीचड़
हिमालय क्षेत्र में बन रहे बांधों के खिलाफ प्रो. अग्रवाल 6 बार अनिश्चितकालीन अनशन कर चुके हैं। सरकार की चमड़ी का अंदाजा अनशनों की संख्या से ही लगाया जा सकता है। गांधी द्वारा अविष्कृत यह अंतिम एवं अमोद्य अस्त्र के भी कारगर सिद्ध न हो पाने के कारणों की खोजबीन अब अनिवार्य हो गई है। ऐसे ही कारणों की खोजबीन करता रामअवतार गुप्ता का महत्वपूर्ण आलेख;…
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