संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

महिला दिवस पर आजाद मैदान से मुम्बई-दिल्ली संघर्ष यात्रा आरंभ

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मुम्बई के आजाद मैदान से मुम्बई-दिल्ली संघर्ष यात्रा का आरंभ हुआ। दिल्ली मुंबई औद्योगिक कोरिडोर यानि ‘डीएमआईसी‘ के खिलाफ इस यात्रा का आरंभ लवासा, वांग मराठवाड, नर्मदा, कंझावाला, दिल्ली, औरंगाबाद, पुणे, गोलिबार और मुम्बई के अनेक बस्तियों की महिला कार्यकर्ताओं ने प्रसिद्ध मराठी लेखिका हिराबाई दया पवार की उपस्थिति में किया।…
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पोस्को विरोधी कार्यकर्ताओं की नृशंस हत्या और बर्बर लाठीचार्ज की भर्त्सना

आज दोपहर जब पोस्को प्रतिरोध संग्राम समिति के कार्यकर्ता जिला प्रशासन शासन को ज्ञापन देने जा रहे थे तो उन…

पुलिस- पोस्को के गुंडों के साये में गोविन्दपुर………

यह विडियो ओडिशा के जगतसिंहपुर ज़िले में पोस्को के प्रस्तावित स्टील प्लांट इलाके में स्थित पाटना गांव में शनिवार…

ओम्कारेश्वर बांध विरोधी आंदोलन निर्णायक दौर में

गुजरी 25 फरवरी को ओम्कारेश्वर बांध प्रभावितों ने ओम्कारेश्वर शहर में विशाल रैली निकली. रैली में शामिल लगभग 5000 प्रभावितों ने संकल्प लिया की वो सत्य, अहिंसा, त्याग और बलिदान के संघर्ष के द्वारा अपने अधिकार लेके रहेंगे. प्रभावितों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि कल होने वाली मंत्रियों की बैठक में प्रभावितों के पुनर्वास के बारे में ठोस निर्णय…
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देश का सबसे बड़ा विस्थापन: दिल्ली-मुम्बई कॉरीडॉर

आज देश भर के किसान और खेती के साथ जुड़े मजदूर, छोटे व्यापारी, कारीगरों के उजड़ने की साजिश चल रही है, वह भी वही…

पानी के निजीकरण के खिलाफ कुंभ में जल संसद

कहा जाता है कि राजा भागीरथी अपने पुरखों को तारने के लिए हिमालय से गंगा बहा कर तीर्थराज प्रयाग लेकर आये थे। लाखों श्रद्धालु हर साल गंगा व जमुना के संगम तट पर मोक्ष की प्राप्ति की कामना करते हैं। पर आज के राजा इन नदियों का पानी कारपोरेट घरानों व विदेशी कम्पनियों को बेच रहे हैं। पानी का निजीकरण पानी पर लोगों के नियंत्रण का अधिकार छीन रहा है और उन्हें…
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मारूति सुजुकी के मज़दूरों के समर्थन में लखनऊ में उठी आवाज़

भारी ठंड और बारिश को धता बताते हुए विभिन्न जन संगठनों के प्रतिनिधि मारूति सुजुकी के संघर्षरत मज़दूरों के समर्थन…

पुलिसिया हमले के खिलाफ 5 राजनीतिक दल पी.पी.एस.एस. के समर्थन में आये सामने तथा किया…

एक तरफ लाठी, डंडों और मशीनगन से लैस पुलिस के जवान तो दूसरी तरफ निरीह छोटे-छोटे बच्चे जो अपने पुरखों की जमीन…

पोस्को-एम.ओ.यू.-सरकार एवं स्थानीय आबादी

सात सालों में पोस्को विरोधियों की संख्या हजारों में पहुंच गई है। प्लांट के लिए जिस स्थान का चयन किया गया था वहां के वाशिंदे अपनी जगह छोड़ने को तैयार नहीं हैं। सात साल पहले बीस पेज के जिस एमओयू को दिखा कर बीजेड़ी गर्व कर रही थी विभिन्न शर्तों वाली उक्त एमओयू में पांचवीं शर्त थी कि इस एमओयू की मियाद बढ़ाई भी जा सकती है लेकिन इसके लिए पोस्को को इन…
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