मंत्री जी, देश की वनभूमि पर कारपोरेट का जंगलराज कायम हो गया है !
देश आज उस मुहाने पर खड़ा है जहां या तो जंगल बचाने वाले आदिवासी बचेंगे, या जंगलराज लाने वाले कारपोरेट. देश का क़ानून और संविधान कारपोरेट हितों का अभयारण्य बन गया है. वनभूमि-हस्तांतरण को रोकने के लिए 2006 में क़ानून तो बना, लेकिन जब इसे लागू करने के लिए ज़रूरी राजनीतिक इच्छाशक्ति कंपनियों के आगे घुटने टेक देती हो तो हिमाचल हो या ओडीसा, छत्तीसगढ़ हो…
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आप आंदोलन में हैं, तो व्यक्तिगत मुकदमों के लिए तैयार रहें : दयामनी बारला
जेल से छूटने के बाद दयामनी बारला से आज दिल्ली में मुलाकात हुई. कारपोरेट-सरकारी गठजोड आज जिस शातिर तरीके से उन सबकी…
मुलताई गोलीकांड के 15 साल पुरे : किसान लाचार, इंसाफ का इंतजार
मुलताई गोलीकांड में मारे गये किसानों के परिजन तो परेशान हैं ही फर्जी अभियुक्त बनाए गए किसानों को भी अभी तक न्याय…
सर्वोच्च न्यायलय : इंदिरा सागर बांध में बिना पुनर्वास के पानी भरने पर सरकार को नोटिस
न्यायलय के आदेशों का उल्लंघन कर लायी गई थी डूब!
डूब के खिलाफ हुआ था जगह जगह जल सत्याग्रह!!
गुजरी 4 जनवरी को नर्मदा बचाओ आन्दोलन द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने बिना पुनर्वास के इंदिरा सागर बांध में 260 मीटर के ऊपर पानी भरने पर मध्य प्रदेश सरकार से जवाब माँगा है. न्यायालय ने म.प्र. सरकार से एन. एच. डी. सी. द्वारा राज्य…
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सर्वे के झरोखे से अति वंचितों की स्थिति
सर्वे का दायरा था आठ जिलों (भदोही, जौनपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, कौशाम्बी, फ़तेहपुर, उन्नाव और बाराबंकी) के 14…
पोस्को के खिलाफ आंदोलनरत किसान गिरफ्तार, जबरन भूमि-अधिग्रहण का सरकारी फरमान जारी
पोस्को भारत छोड़ो ! सरकार और कारपोरेट गठजोड मुर्दाबाद !! 8 जनवरी 2013 से उड़ीसा के गोविन्दपुर में विस्थापन के खिलाफ…
बेघरी की बेबसी बनाम सरकारी बेदिली
राजधानियों से बाक़ी शहरों के हाल का सुराग़ मिलता है। सब जानते हैं कि चमकते विकास के बरअक़्स नयी दिल्ली से लेकर…
मुलताई गोलीकांड के दोषियों पर कार्यवाही हो : किसान संघर्ष समिति
15 वर्ष पहले मुलताई गोलीकांड में अपना पति खो चुकी परमंडल गांव की लक्ष्मी बाई, मोही गांव की सुखी बाई, मरमंडल…
दिल्ली की प्यास बनी हिमाचल की त्रास
दिल्ली के निवासियों को ज़िंदा रखने की कीमत हिमाचल के लोग अपनी आजीविका के विनाश और रेणुका बाँध परियोजना के दुष्प्रभावों के रूप में चुकाने पर मजबूर हैं. क्या दिल्ली की प्यास हज़ारों लोगों को बेघर और बेबस कर ही बुझेगी? रेणुका बांध परियोजना गिरी नदी पर 148 मीटर ऊँचा 26 किमी लंबी झील लगभग 2100 हैक्टेयर जमीन लगभग 1142 परिवार तथा 70 पंचायतों से भी अधिक लोग…
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