बर्बर पुलिसिया दमन के विरोध में उड़ीसा भवन पर प्रदर्शन
दिल्ली के उड़ीसा भवन पर आज सामाजिक संगठनों, कार्यकर्त्ताओं और छात्र-नौजवानों ने जगतसिंहपुर में पोस्को कम्पनी का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर चल रहे बर्बर पुलिसिया दमन और किसानों की जबरन भूमि कब्जाने की सरकारी नीति के विरोध में प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन में संदीप ने कहा कि उड़ीसा पुलिस द्वारा 3 फ़रवरी, 2013 को सुबह के लगभग 4 बजे 12 प्लाटूनों…
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सरकार-कोरपोरेट का गठजोड़: पोस्को विरोधी आंदोलनकारियों पर कातिलाना हमला, 10 किसान…
3 फ़रवरी, 2013 को सुबह के लगभग 4 बजे 12 प्लाटूनों से नुआगांव में पोस्को संयंत्र का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों पर…
एक बूँद पानी भी अभिजीत ग्रुप के प्लांट को नहीं देंगे : किसानों का ऐलान
बिहार के बाँका जिले में चन्दन नदी पर लक्ष्मीपुर (बौंसी प्रखण्ड) में केवल सिंचाई कार्य के लिए करीब 40 वर्ष पूर्व…
नवउपनिवेशवाद का नया दौर : अफ्रीका में जमीन की लूट में भारत भी शामिल
मई 2009 में प्रकाशित इस समाचार के बाद
से अब तक काफी जमीन हड़पी जा चुकी है
विदेशों में भारतीय कंपनियों द्वारा पूंजी निवेश करने या उन देशों की कुछ कंपनियों का अधिग्रहण करने की प्रक्रिया को आम तौर पर भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास माना जाता है और इसकी बढ़-चढ़ कर…
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दमनकारी कानूनों के विरूद्ध: सम्मेलन
गुजरी 20 जनवरी को चंडीगढ़ में गदर आंदोलन की 100वीं बरसी के अवसर पर दमनकारी कानून विरोधी कमेटी, चंडीगढ़ के बैनर तले…
जिंदल, जंगल और जनाक्रोश: 2008 का पुलिस दमन नहीं भूलेंगे रायगढ़ के लोग
रायगढ़ में 5 जनवरी को काला दिवस मनाया गया। यह आयोजन 2009 से हर साल इसी तारीख को मनाया जाता है ताकि 2008 में…
बिहार राज्य आवास बोर्ड की मनमर्जी के खिलाफ दस्तक
पटना के दीघा आवासीय कॉलोनी के लोग पिछले तीन दिन से अपनी जमीन और घर बचाने के लिये बिहार राज्य आवास बोर्ड के विरोध में पटना के राजीव नगर पुल के पास धरना दे रहे है. पेश है आलोक कुमार की यह रिपोर्ट;
बिहार राज्य आवास बोर्ड द्वारा बुलडोजर चलाकर दीघा क्षेत्र के एक दर्जन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचाया गया है। यहाँ पर सुशासन में खुल्लमखुल्ला…
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किसानों की बेबसी बनाम सरकारी बेदिली
देश की राजधानी से मुश्किल से 250 कि.मी. की दूरी पर किसान अपनी ज़मीन बचाने के लिए लगातार 876 दिनों से धरने पर…
‘1885 के बाद अफ्रीका को लूटने का यह नया सिलसिला है’
पिछले दिनों जर्मनी में ‘एफेक्टिव कोऑपरेशन फॉर ए ग्रीन अफ्रीका’ के जर्मनी में आयोजित पहले अधिवेशन में ओबांग मेथो…
कारपोरेट लूट- पुलिसिया दमन के विरोध में दुर्ग में दस्तक: किसान-मजदूर-आदिवासियों ने किया प्रदर्शन
कंपनियों की जागारी नहीं, छत्तीसगढ़ हमारा है!
लाठी गोली की सरकार नहीं चलेगी, नहीं चलेगी!!
छत्तीसगढ़ में आज तथाकथित विकास के नाम पर आदिवासियों के जंगल-जमीन-नदियों को आँख मूंदकर राज्य सरकार बेच रही है. सिर्फ कोरपोरेट को लाभ पहुचने के लिये लाखों आदिवासियों के जीवन को दाव पर लगाया जा रहा है. अकेले जांजगीर चांपा जिले में 34 थर्मल…
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