जन संसद 2012 में मुलताई का घोषणापत्र
मुलताई में 14 वें शहीद किसान स्मृति सम्मेलन एवं 188 वी किसान महापंचायत के अवसर पर 12 जनवरी 2012 को आयोजित जनसंसद के 5 वे अधिवेशन में देश भर से आये हुये जनान्दोलनों और जन-संगठनों के संघर्षशील समाज कर्मी और बुद्धिजीवी देश पर छाये संकट और सरकारों द्वारा उठाए जनविरोधी कदमों पर घोर चिन्ता प्रकट करते है और नीचे लिखी घोषणाऐं करते है -
घोषणा एक: - देश…
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दयामनी जेल में
सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला इन दिनों 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रांची जेल में हैं। छह साल पुराने मामले…
किसान संघर्ष समिति: एक परिचय
किसान संघर्ष समिति की स्थापना 25 दिसंबर 1997 को मुलतई तहसील में किसानों द्वारा की गयी। फसलें नष्ट…
आतंकवाद के नाम पर मुसलमानों का उत्पीड़न
‘आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों के रिहाई मंच’ ने हैदराबाद के अब्दुल रज्जाक मसूद की आत्महत्या का जिम्मेदार खुफिया एजेंसियों को ठहराते हुए हैदराबाद के खुफिया अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चलाने की मांग की है। आरोप है कि खुफिया एजेंसियां उन पर मुखबीर बनने का दबाव डाल रही थीं। रिहाई मंच द्वारा लखनऊ में 15 अक्टूबर 2012 को…
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कूडनकुलम: दमन, उत्पीड़न जारी, मानवाधिकार कार्यकर्ता गिरफ्तार
कूडनकुलम परमाणु परियोजना के खिलाफ जारी पुलिसिया दमन की जांच पडताल करने के लिय जा रहे विस्थापन विरोधी जनविकास आंदोलन…
जनता की ताक़त के आगे झुकी सरकार
जन सत्याग्रह की जीत हुई। गांधी जयंती के अगले दिन, गुज़री 3 अक्टूबर को ग्वालियर से इस ऐतिहासिक यात्रा की शुरूआत…
परमाणु नहीं, सौर ऊर्जा चाहिए
विदेशी बाजे के शौक़ीन हमारे हुक़्मरान
डा. राजेंद्र प्रियदर्शी लखनऊ में रहते हैं और जाने-माने परमाणु भौतिकविद हैं। उन्होंने 1955 से 1960 तक स्टाकहोम स्थित स्वीडेन के एटामिक एनर्जी स्टेब्लिशमेंट में शोध कार्य किया जिसे दुनिया के अग्रणी नाभिकीय शोध संस्थानों में गिना जाता है। वैज्ञानिक शोध के सिलसिले में वह जर्मनी और कनाड़ा में भी रहे। इसी दौरान…
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विदेशी बाजे के शौक़ीन हमारे हुक़्मरान
डा. राजेंद्र प्रियदर्शी लखनऊ में रहते हैं और जाने-माने परमाणु भौतिकविद हैं। उन्होंने 1955 से 1960 तक स्टाकहोम…
“राजद्रोह, आतंक-विरोधी क़ानून और लोकतंत्र”
“प्रो. इक़बाल अंसारी मेमोरियल लेक्चर" का दूसरा व्याख्यान
“राजद्रोह, आतंक-विरोधी क़ानून और लोकतंत्र”
इंडियन…
देश को है फिर एक जे पी की जरूरत
आज लोकनायक जय प्रकाश नारायण (जे पी) की 110वीं जयंती है। जे पी के इस जीवन परिचय को जानना जे पी को समझने के लिए तथा उनसे प्रेरणा लेने के लिए आवश्यक है। पेश है डॉ सुनीलम कि यह रिपोर्ट;जे पी का जन्म बलिया जिले के सिताब दियारा ग्राम में हुआ था। जनवरी 1922 में वे पहली बार गांधीजी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन में शामिल हुए। उसी वर्ष पढ़ाई के लिए…
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