संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

वनाधिकार: नहीं दे पा रहा है आदिवासियों और परम्परागत वन वासियों को संरक्षण

चन्दौली जिले के नौगढ़ विकास खण्ड पर 14 अगस्त 2012 को धरना- मजदूर किसान मोर्चा सरकार हो या पूंजीवादी ताकते, इन्होंने कभी भी दलितों और आदिवासियों को उनका हक नहीं देना चाह है ? परन्तु जनाक्रोश को दबाने के लिये इनके हक को दर्शाने वाले कानून तों बना दिये जाते है लेकिन इनके सही क्रियान्वयन न करने कि निरंतर प्रक्रिया के चलते ऐसे कानूनों का…
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मारुति, मीडिया और खाप पंचायत के बीच मजदूर: बदहाल भी बदनाम भी

बंदूकों, बाउंसरों और खाप पंचायतों के खौफ तले मारुति के मानेसर प्लांट में उत्पादन शुरू होने वाला है. हालिया दुखद…

किसानों की उपेक्षा की एक दास्तां यह भी

Published on 24 Jul-2012, दैनिक भास्कर, डा. ए. के. अरुण किसान और किसान आंदोलनों के साथ देश में स्थापित तंत्र का रवैया क्या है, इसकी एक मिसाल है मध्यप्रदेश का मुलताई कांड। वहां…
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रावातभाटा में फिर विकिरण रिसाव: परमाणु के पागलपन में तबाह होती जिंदगियां

एक महीने के अंदर ही रावतभाटा से दुबारा परमाणु रेडियेशन के लीक होने की खबर आई है. इस बार रिएक्टर नंबर चार में…

मानेसर के बाद बावल में बवाल: ज़मीन के मुद्दे पर पुलिस और किसानों में ठनी

गोरखपुर में भी सुलग रहे हैं हालात हरियाणा के ही फतेहाबाद जिले में प्रस्तावित गोरखपुर परमाणु पावर प्लांट के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन आगामी 18 अगस्त को दो साल पूरे कर लेगा. परन्तु प्रशासन किसानों की ज़मीन कब्जाने पर आमादा है. इस सन्दर्भ में 17 जुलाई को प्रोजेक्ट के पर्यावरणीय प्रभावों के आकलन हेतु जनसुनवाई का आयोजन किया गया था, जिसको किसानों के…
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रेवाड़ी में भूमि अधिग्रहण के विरोध में महापंचायत कल

भूमि अधिग्रहण विरोधी संघर्ष समिति ने रेवाड़ी में भूमि अधिग्रहण के विरोध में 22 जुलाई को राष्ट्रीय…

राजस्थान के रावतभाटा परमाणु बिजलीघर में 40 वर्षों से जारी है ठेका मजदूरों का शोषण

23 जून को रावतभाटा रिएक्टर में परमाणु विकिरण के रिसाव की सूचना मिलने पर संघर्ष संवाद की टीम 10 जुलाई…

क्या न्यायपालिका आदिवासी विरोधी है?

15 जुलाई, 2012 को रिमझिम बारिस के बीच, सरकार के फरमान पर अपनी जमीन बचाने के लिए नगड़ी गांव के रैयत रांची के कांके स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के सभागार में विराजमान हुए। यह विश्व विद्यालय भी उन्ही के बापदादो से जमीन छिनकर बनायी गयी है। सरकार अब उनका बचाखूचा जमीन भी विकास के नाम पर लूट कर उन्हें भूमिहीन, बेघर और लाचार बनाने पर तुली हुई है, जिसका…
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