कारगिल विजय के बाद अब जल,जंगल, जमीन की रक्षा की जंग की शुरूआत
जयराम सीकर जिले के नीम का थाना तहलील के डाबला गांव का रहने वाला है. वह भारतीय सेना की राजपूताना राइफल की दूसरी रेजिमेंट में नायक था तथा कारगिल की लड़ाई में लड़ते हुए उसने इक्कीस साथियों को खोया था. उसे भी दो गोलियाँ लगी लेकिन घायल जयराम ने तोलोलिंग पहाड़ी पर तिरंगा फहरा दिया इस का पुरष्कार राष्ट्रपति ने वीरता चक्र प्रदान करके दिया था.
जयराम…
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दो बार विस्थापित चिल्कादांड के संघर्ष की दास्तान
चिल्कादांड उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के शक्तिनगर थाणे में पड़ने वाले उन 5 गावों का एक सामूहिक नाम है, जिन्हें…
नगड़ी के रैयतों को न्याय कौन देगा?
नगड़ी के भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन पर ग्लैडसन डुंगडुंग कि एक रिपोर्ट :-झारखण्ड एक विशिष्ट राज्य…
राज्य-दमन के खिलाफ मानवाधिकार संगठनों का साझा संघर्ष
को-ऑर्डिनेशन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स ऑर्गेनाइजेशन (सीडीआरओ) के द्वारा7 सितम्बर 2012 को प्रातः 11 बजे, मंडी हाउस से जंतर मंतर तक
अखिल भारतीय रैली एवं धरना
का आहवान
नागरिक अधिकार एवं लोकतांत्रिक अधिकार संगठनों के एसोसिएशन के नाते सीडी़आरओ, देश के अंदर विभिन्न तबकों के लोगों के साथ व्यापक स्तर पर हो रही हिंसा एवं दमन के खिलाफ 7 सितम्बर 2012 को…
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करछना में किसानों की महापंचायत : जमीन नहीं देने का सकल्प दोहराया
इलाहाबाद के करछना तहसील के दस गाँवों के किसान 22 अगस्त को अपनी खेती की जमीन बचाने और पुलिल दमन के विरोध में…
परमाणु-ऊर्जा पर जन-सुनवाई: आमलोगों ने किया विनाश और दमन का विरोध
22 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित परमाणु ऊर्जा पर जन-सुनवाई में सरकार की परमाणु ऊर्जा नीति की आलोचना की…
कूडानकूलम संयंत्र के खिलाफ धरने का एक वर्ष पूरा
पीपुल्स मूवमेंट एगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी के बैनर तले कूडानकूलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का कल 16 अगस्त को एक वर्ष पूरा हो गया। हालांकि परमाणु संयंत्र विरोधी कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि भारत और रूस के सहयोग से चलने वाली इस परियोजना का विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक इसे रद्द नहीं किया जाता। पीएमएएनई के संयोजक एसपी…
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चुटका परमाणु संघर्ष तेज, राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग
मंडला जिले की हरी-भरी धरती के सुदूर इलाक़े में छोटा सा आदिवासी गांव है- चुटका। तीन साल पहले तक नारायनगंज तहसील…
आखिर नगड़ी के दर्द को कौन समझेगा ?
झारखण्ड की राजधानी रांची से सटे कांके थानान्तर्गत एक आदिवासी बहुल गांव है जिसका नाम नगड़ी। इस गांव की 227 एकड़ जमीन…
लूट-शोषण के खिलाफ बोलोगे तो मारे जाओगे !
हाल के महीनों में सरकारी दमन, कारपोरेट लूट और आर्थिक-सामाजिक विषमता के मुद्दों पर आवाज़ उठाने वाले लोगों पर चौतरफा हमले हुए हैं चाहे वो रायगढ के रमेश अग्रवाल हों, या मारुति के मज़दूर. दमन के इस पूरे दुष्चक्र पर सुनील की यह रिपोर्ट:
आपके घर में ‘लूटेरे’ आते हैं; आप विरोध करते हैं तो आपको बांध कर मारा-पीटा जाता है; अगर इसका जवाब…
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