जल-जंगल-जमीन पर हक के लिए नियमगिरि आदिवासियों का प्रदर्शन
उड़ीसा के नियमगिरि, तीज माली पर्वत, खंडवाल माली पर्वत इलाकों में बढ़ते पुलिस दमन और खनन के प्रभाव ने पर्वत पर निवास कर रहे आदिवासियों के जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। इन क्षेत्रों के आदिवासियों को खनन के लिए उन्हें उनके घरों से विस्थापित किया जा रहा है। विरोध करने पर उन्हें पुलिस के क्रूर दमन का शिकार होना पड़ता है। ओड़िशा के भवानीपटना जिले…
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जे.पी. पॉवर प्लांट विरोधी आंदोलन : 4 महीने के बाद राजबहादुर पटेल जमानत पर रिहा
13 दिसंबर 2017 को करछना आंदोलन, उत्तर प्रदेश के अगुवाकार तथा किसान कल्याण संघर्ष समिति, करछना के अध्यक्ष…
गाँव सभाओं का राष्ट्रीय संमेलन, 25-26 दिसम्बर 2017, गडचिरोली
पेसा कानून के 20 साल और वन अधिकार कानून के 10 साल “संघर्ष,अमल और बदलाव”
ग्रामसभाओं का राष्ट्रीय…
बैतूल के आदिवासियों ने शुरु किया सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा बचाओ अभियान
मध्य प्रदेश में बीते 21 सालों से वन विभाग द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की जा रही है। 12 दिसंबर 1996 भारत की सर्वोच्च अदालत ने सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में वन और वन भूमि की व्याख्या एवं परिभाषा कर आदेश दिया था। इस आदेश के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय ने छोटे एवं बड़े झाड़ के जंगलों को वन भूमि के तौर पर परिभाषित किया था।…
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चुटका परमाणु परियोजना के विरोध में चेतावनी सभा
12 दिसम्बर 2017; मध्य प्रदेश के मंडला जिले के चुटका गाँव में प्रस्तावित परमाणु पॉवर प्लांट के विरोध में निषाद मंगल…
संसाधनों की लूट के खिलाफ किसान महापंचायत
मध्य प्रदेश के छिंदवाडा में किसान संघर्ष समिति द्वारा 11 दिसम्बर 2017 को पेंच व्यपर्तन परियोजना और अड़ानी पॉवर…
दिल्ली में किसान मुक्ति संसद : देश भर के किसान कर्ज माफी को लेकर एकजूट
आज दिल्ली में देश भर के किसान अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले जुटे हैं। करीब 180 किसान संगठनों से जुड़े हजारों किसान रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक रैली लेकर पहुंचे। इन किसानों द्वारा कर्ज माफी और फसल का लागत से डेढ़ गुणा मूल्य की मांग की जा रही है। संसद मार्ग पर 'किसान मुक्ति संसद' बुलाई गई जिसमे किसानों ने…
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किसान मुक्ति यात्रा का चौथा चरण समाप्त : 20 नवंबर को किसान मुक्ति संसद दिल्ली में
18 राज्यों में 10 हज़ार किलोमीटर की किसान मुक्ति यात्रा का चौथा चरण समाप्त
किसान एकजुटता की नई…
पंचेश्वर बांध : एक नहीं दो बांध परियोजनायें है
माटू जनसंगठन ने 5 नवम्बर 2017 को विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार द्वारा पंचेश्वर बांध…
बारनवापारा अभ्यारण्य से आदिवासियों का जबरन विस्थापन शुरू : वेदांता कंपनी को दी 1300 एकड़ वन भूमि
छत्तीसगढ़ सरकार वनाधिकार मान्यता कानून की धज्जियां उड़ाते हुए बारनवापारा अभ्यारण्य से आदिवासियों को जबरन विस्थापित कर रही हैं और वहीं अभ्यारण्य क्षेत्र से लगी हुई 1300 एकड़ वन भूमि वेदांता कंपनी को सोना निकालने के लिए दे दी हैं। यह सब कुछ हो रहा है रायपर से मात्र 70 कि.मी. दूरी पर। इस अभ्यारण्य में 22 वनग्राम है जिसमें मुख्यतः आदिवासी…
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