संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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झारखण्ड

झारखण्ड सरकार की मनमानी : एयरपोर्ट के लिए तोड़ दिए 500 दलितों के घर, मुआवजे से भी किया इंकार

झारखण्ड की भाजपा सरकार ने देवघर में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने के लिए देवघर प्रखंड के 13 गांवों की 600 एकड़ जमीन जबरन खाली कराई है. ठिक दीपावली से पहले 500 से अधिक दलितों के घरों को जबरन तोड़ दिया गया . अब तक तीन लोग ठण्ड से मर गए है. सरकार इन्हें मुआवजे का हक़दार भी नहीं मान रही है क्योंकि यह जमीन इन्हें भूदान के तहत मिली …
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2 फरवरी काला दिन : झारखण्ड में इस दिन पुलिस फायरिंग में 8 आदिवासियों की मौत 35…

- स्टेन स्वामी झारखण्ड के खुंटी में कोएल-कारो जन संगठन के आदिवासी 2 फरवरी को अपने पूर्वजों श्रद्धांजलि अर्पित…

कोइल कारो पुलिस फायरिंग के 17 साल : 8 लोगों की शहादत को नहीं भूलेंगे तोरपा के आदिवासी

झारखण्ड के खूंटी जिले में 2 फ़रवरी को काला दिवस मनाया गया। यह आयोजन 2001 से हर साल इसी तारीख को मनाया जाता है ताकि 2001 में ग्रामीणों पर हुए पुलिसिया हमले की याद जिंदा रहे और उसके खिलाफ गुस्से की आग सुलगती रहे। कोइल कारो नदी पर प्रस्तावित बांध के लिए ज़मीन न देने पर स्थानीय आदिवासियों पर बर्बर पुलिसिया दमन हुआ जिसमें आठ आंदोलनकरी शहीद हुए थे। …
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9 जनवरी 2018 : उलगुलान दिवस के अवसर पर जन-विरोधी नीतियों के विरुद्ध जमशेदपुर में…

विस्थापन विरोधी एकता मंच द्वारा 9 जनवरी 2018 को बीरसा मुंडा के उलगुलान दिवस के दिन पोटका, जमशेदपुर, झारखंड में…

झारखण्ड : प्राकृतिक संसाधनों की लूट के खिलाफ संयुक्त सम्मेलन

9 सितम्बर 2017 को करनडीह जमशेदपुर स्थित दिशोम जाहेर थान सभा कक्ष में श्रम, भूमि और प्रकृति की लूट के खिलाफ संयुक्त अभियान को आगे बढ़ाने के लक्ष से एक सम्मेलन आयोजित किया गया. इस सम्मेलन का आयोजन विस्थापन विरोधी एकता मंच, अखिल भारतीय झाड़खण्ड पार्टी, सी पी आई एम एल, नवजनवादी लोकमंच, झाड़खण्ड मुक्ति वाहिनी, भाकपा - माले, एसयूसीआइ - कम्युनिस्ट, एवम…
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समतावादी समाज निर्माण के लिए युवा समावेश : 18-21 सितम्बर 2017, जमशेदपुर (झारखण्ड)

प्रिय साथियों, अभिवादन! छात्र-युवा संघर्ष वाहिनी ने आगामी 18 से 21 सितम्बर ‘ 2017 तक समतावादी समाज निर्माण…

अनशन का 12वां दिन : यूरेनियम के प्रकोप से जूझ रहे आदिवासी और सो रही है सरकार

झारखण्ड के पूर्वी झारखण्ड के पूर्वी सिंहभूम जिला में स्थित यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के…

झारखण्ड : आजादी के सत्तर सालों बाद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है सबर आदिवासी समुदाय

भारत का इतिहास बताता है कि जब अंग्रेज भारत पर कब्जा कर रहे थे तो उन्हें सबसे ज्यादा विरोध अगर कहीं से झेलना पड़ा तो वह थे आदिवासी इलाके। बिरसा मुंडा सरीखे कई ऐसे आदिवासी वीर थे जिन्होंने मात्र अपने तीर कमानों के बल पर अंग्रेजी हुकूमत को कड़ी टक्कर दी। किंतु आज आजाद और आत्मनिर्भर भारत में यदि कोई तबका सबसे ज्यादा वंचित और कमजोर है तो वह यही…
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