मध्य प्रदेश के आदिवासियों का ऐलान : जंगल उनकी पुरखों की पहचान, नहीं देंगे नागरिकता और जंगल पर हक का सबूत
मध्य प्रदेश के बैतूल और हरदा जिले में 3-4 फरवरी 2020 को आदिवासियों की संविधान संशोधन कानून पर हुई एक चर्चा के दौरान आदिवासियों ने स्पष्ट कह दिया है कि वह अपनी नागरिकता किसी के सामने साबित नहीं करने जा रहे हैं। बल्कि वह एक अभियान के तहत अपने अलग-अलग तीर्थ-स्थल और राजाओ के किले पर जाकर अपने पुरखो को याद करेंगे और सरकार से आव्हान करेंगे कि वो यहाँ…
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पहले पास्को, अब जिंदल : ढिंकिया के ग्रामीण अब भी अपनी जमीन बचाने के लिए सघर्षरत
उड़ीसा 3 फरवरी 2020। पास्को विरोधी आंदोलन के सदस्य पोस्को से अपनी लड़ाई जितने के बाद फिलहाल जिंदल की जेएसडब्ल्यू…
उत्तराखंड : गंगा संरक्षण के लिए अनशन का 49वां दिन, साध्वी पद्मावती दून अस्पताल से…
हरिद्वार 1 फरवरी 2020। गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए छह सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 47 दिन से अनशन कर रही…
भारत जोड़ो- संविधान बचाओ, समाजवादी विचार यात्रा : 30 जनवरी से 23 मार्च, 2020
दिल्ली 28 जनवरी 2020। समाजवादी समागम के अध्यक्ष मंडल ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी जी की 150वीं जयंती और समाजवादी आंदोलन के 85 वर्ष पूरा होने के अवसर पर स्वतंत्रता आन्दोलन, समाजवादी आन्दोलन के मूल्यों एवं संवैधानिक मूल्यों की स्थापना, सी.ए.ए.-एन.आर.सी. और एन.पी.आर. के खिलाफ, सार्वजनिक क्षेत्रों के…
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राष्ट्रीय बजट का आधा हिस्सा हो किसानों के लिए : राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति का…
दिल्राली 28 जनवरी 2020। राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति ने माननीय प्रधानमंत्रीजी को पत्र लिखकरमांग की है कि किसानों और…
उत्तराखंड : विष्णुगाड-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना के प्रभावितों ने की…
उत्तराखंड के चमोली जिले में चल रही विष्णुगाड-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना में बांध प्रभावितों के मुद्दे सुलझाने की…
उड़ीसा : अडानी कोयला प्रोजेक्ट के लिए पुलिस ने जंगल को घेरा, 40 हजार पेड़ काटे गए
मुंबई के आरे के जंगलों के बाद अब उड़ीसा के संभलपुर में पेड़ों की कटाई का मामला सामने आया है. यहां भी जंगल के चारों तरफ पुलिस को तैनात कर दिया गया, इसके बाद शुरू हुई पेड़ों की कटाई. एक के बाद एक 40 हजार से ज्यादा हरे-भरे पेड़ काट डाले गए.
कहां और किसने काटे ये पेड़?
ये पेड़ उड़ीसा के संभलुपर जिले के तालाबिरा गांव में काटे गए. 40 हजार से…
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NAPM के राष्ट्रीय सम्मेलन से उठी आवाज : जल-जंगल-ज़मीन हमारा, नहीं चलेगा राज…
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय के बैनर तले चल रहे तीन दिवसीय जनसंघर्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन 24…
हमारी लड़ाई समता, समानता, स्वराज और स्वावलंबन की है : NAPM का 12वां राष्ट्रीय सम्मेलन
हमारी लड़ाई समता, समानता, स्वराज और स्वावलंबन की है- मेधा पाटकर
ये वक्त की आवाज है मिलके चलोः जनांदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय का 12वां राष्ट्रीय सम्मेलन शुरु
23 नवंबर, 2019 पुरी। जनसंघर्षों का राष्ट्रीय समन्वय ओडिशा के पुरी जिले में अपना 12वां राष्ट्रीय सम्मेलन 23-25 नवंबर 2019 को आयोजित कर रहा है। सम्मेलन में देश के कोने कोने से लगभग 1000…
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