हक मांगने आए थे, क्यों गोली से मारा…
किसानों के हित मे संघर्ष जारी रहेगा : मुलताई किसान घोषणा-पत्र 2015
किसान संघर्ष समिति द्वारा आयोजित 17वां शहीद किसान स्मृति सम्मेलन 12 जनवरी 1998 को शहीद हुए 24 किसान साथियों को भावभीनी श्रद्धांजलि देता है। सम्मेलन शहीदों की कुर्बानी को याद करते हुए किसानों को हक और सम्मान के संघर्ष को अनवरत जारी रखने का संकल्प लेता है।
शहीद किसानों की याद…
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किसानों के हित मे संघर्ष जारी रहेगा : मुलताई किसान घोषणा-पत्र 2015
प्रस्ताव
किसान संघर्ष समिति द्वारा आयोजित 17वां शहीद किसान स्मृति सम्मेलन 12 जनवरी 1998 को शहीद हुए 24 किसान…
झारखण्ड : आदिवासियों का देशव्यापी उलगुलान का ऐलान !
झारखण्ड के खूंटी जिले में 8 जनवरी 2015 को आबा भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली पर भारी बारिश और तूफान के बीच भारी…
मुलताई किसान आंदोलन ने बदला मेरे जीवन का रुख : डॉ सुनीलम
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की मुलताई तहसील के सामने 12 जनवरी 1998 को लगातार फसले खराब होने के कारण मुआवजा मॉंग रहे किसानों पर आंदोलन को कुचलने के उद्देश्य से पुलिस गोलीचालन प्रायोजित किया गया, जिसमे 24 किसान शहीद हुए, 150 किसानों को गोली लगी। सरकार ने 250 किसानों पर 66 फर्जी मुकदमे दर्ज किए। हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, आगजनी, सरकारी काम मे बाधा…
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पी. साइनाथ, परी और गांव-गिरांव की बातें !
पीपॅल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया (परी) आम लोगों की रोज़मर्रा की जि़ंदगी का एक जीवन्त रोजनामचा है और इसे…
बिजली का बिल न भरने पर पंचायत चुनाव लड़ने से रोका जाना असंवैधानिक – डॉ. सुनीलम
7 बिरुल, 10 जौलखेडा, 11 परमंडल में होगी “एक शाम शहीदों के नाम” सांस्कृतिक कार्यक्रम
मध्य प्रदेश के मुलताई में किसान संघर्ष समिति द्वारा की जा रही किसान अधिकार यात्रा मोरखा, छिंदी, मथनी, जौलखेडा, एनस, वलनी, जामबाड़ी, धरणी पहुची. विभिन्न गाँव में नुक्कड़ सभाओ को संबोधित करते हुए डॉ. सुनीलम ने कहा कि बिजली के बिल को पंचायत चुनाव से जोड़ना…
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भू-अधिग्रहण अध्यादेश को रद्द कराने के लिए देश भर में होगा किसान आंदोलन : डॉ सुनीलम
भूमि अधिग्रहण का अध्यादेश भाजपा का किसानों के प्रति रुख को साफ़ करता है !
अध्यादेश की प्रति मिलते ही यह बिलकुल…
सुनील की पहली पुण्यतिथि : केसला में 20 – 21 अप्रैल 2015 को देशव्यापी…
प्रिय साथियों,
साथी सुनील की पहली पुण्यतिथि पर केसला में 20 एवं 21 अप्रेल को दो दिवसीय…
मानवाधिकारों के लिए मेहनतकश महिलाओं का धरना
राजस्थान के जयपुर शहर में गुजरी 10 दिसम्बर को घरेलू कामगार महिलाओं ने दूसरों के घरों में ‘सहायक’ के तौर पर काम करने वाली महिलाओं, लड़कियों और बच्चियों के हकों के लिए महाधरना दिया । उदारीकरण के बाद के वर्षों से देश में आय वितरण की बढ़ती विषमता के फलस्वरूप घरेलू कामगार महिलाओं की संख्या में तेजी से वृध्दि हुई है। काम के दौरान उनका सिर्फ आर्थिक शोषण ही…
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