संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

देश भर में चल रहे जल, जंगल, ज़मीन, अस्मिता और अधिकारों के संघर्षों पर सरकार लगाम कसना चाहती है: चितरंजन सिंह

भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा इंडियन सोशल ऐक्शन फोरम (इंसाफ) का विदेशी अनुदान पंजीकरण (एफसीआरए) अगले 180 दिनों के लिए रद्द किए जाने और बैंक खाता सील किए जाने कं मद्देनजर इंसाफ द्वारा प्रेस क्लब, नई दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित किया गया, प्रो. अचिन विनायक, सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी और इंसाफ के महासचिव चितरंजन सिंह ने संबोधित…
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कुडनकुलम: सर्वोच्च न्यायालय में जनता की अवमानना

अपने हक अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे देश के लोगों का इस तरह के मामलों में सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगाना…

वाह री सरकार ! कारपोरेट हित में विदेशी निवेश को बढ़ावा, जनहित में विदेशी अनुदान पर ताला

'इंसाफ' इस देश में जल जंगल ज़मीन को लेकर चल रहे आन्दोलनों को मजबूत करने वाला एक साहसिक संगठन रहा है जिस पर 30.04.2013को सरकारी दबिश हुई और इसका बैंक अकाउंट फ्रीज़ कर दिया गया है. हाल में एडीबी के विरोध में मोर्चा लेने के क्रम में यह दमन सामने आया है. यहां इंसाफ का खाता दोबारा चालू होना और उसके एफसीआरए पर लगी बंदिश का हटाया जाना उतना प्राथमिक नहीं…
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खनन माफिया: न्याय के लिए 53 दिन से अनिश्चितकालीन धरना

राजस्थान के झुंझनू जिले में अवैध खनन का विरोध कर रहे स्वतंत्रता सैनानी ताड़केश्वर शर्मा के पौत्र प्रदीप शर्मा की…

लोअर सुकतेल: बर्बर दमन, बहादुराना प्रतिरोध और व्यापक समर्थन

दिल्ली के उड़ीसा भवन पर आज सामाजिक संगठनों, कार्यकर्त्ताओं और छात्र-नौजवानों ने बलांगीर जिले के मगुरबेडा गांव में…

कुडनकुलम पर कोर्ट का फैसला: जनता की अवमानना

सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के कुडनकुलम न्यूक्लियर प्लान्ट से जुड़ी याचिका को खारिज करते हुये इसे हरी झण्डी दे दी है। अदालत के मुताबिक, आर्थिक विकास और जनहित में इस प्लांट का शुरू होना जरूरी है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर पलाश विश्वास की टिप्पणी; सरकार से हम जब अपेक्षा कुछ नहीं रख सकते, तब सर्वोच्च न्यायालय से ही जनता का तरणहार बनने की…
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प्रतिरोध की आवाज़ ‘इन्साफ’ पर सरकार का निरंकुश हमला: चितरंजन सिंह

जल, जंगल ज़मीन की लड़ाइयों और लोकतंत्र तथा धर्मनिरपेक्षता के संघर्ष को वर्षों से मजबूत करने वाले संगठन 'इन्साफ'…

फुकुशिमा से आंख चुराता भारत

फुकुशिमा की दूसरी बरसी पर दुनियाभर में परमाणु उर्जा के सुरक्षित स्वरूप को लेकर बहस चली। इस बीच कुडनकुलम संयंत्र को ठंडा करने वाले संयंत्र के पुनः बिगड़ जाने से परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा पर पुनः प्रश्न चिन्ह लग गया है। मगर भारत वास्तविकता से मुंह फेरकर रट्टू तोते की तरह इसके प्रारंभ होने की बार-बार घोषणा करता जा रहा है। पिछले 18 महीनों में 16…
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