संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

सम्पादकीय, सितम्बर 2011

भूमि-जल-जंगल-खनिजों की लूट के खिलाफ अगस्त के पहले हफ्ते में जंतर-मंतर पर विभिन्न संगठनों, आंदोलनों के द्वारा साझे तौर पर आयोजित प्रतिरोध, अन्ना टीम द्वारा ’जन लोक पाल’ विधेयक के लिए अहिंसक-गांधीवादी आंदोलन और अंत में उसमें भूमि अधिग्रहण के मुद्दे को भी शामिल करने की घोषणा, पुणे में पानी की मांग कर रहे किसानों पर गोली चालन, तमिलनाडु में ऊर्जा…
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जैतापुर संघर्ष के समर्थन में दिल्ली में प्रतिरोध

केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री जयराम रमेश के किसी भी हाल में जैतापुर में न्यूक्लियर पॉवर पार्क बनाने के बयान…

गोरखपुर में तेज हुआ परमाणु संयंत्र विरोध

कारपोरेटी उपनिवेशवाद के खिलाफ एवं जल-जंगल-जमीन व जीने के अधिकार के लिए संघर्षरत नये समाज की रचना के लिए प्रतिबद्व…

सिर मुड़ाते ही ओले पड़े : कर्नाटक राज्य में प्रस्तावित पोस्को संयंत्र स्थानान्तरित करने की सरकारी विवषता

उड़ीसा में इस्पात संयंत्र लगाने की योजना के लगातार विरोध से आहत कोरियाई वैश्विक स्टील कम्पनी पोस्को को कर्नाटक में दूसरा झटका लगा है। राज्य सरकार ने गदग जिले में किसानों के विरोध को देखते हुए कंपनी की 32 हजार करोड़ निवेश की परियोजना को किसी दूसरे जिले में स्थानान्तरित करने और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पर रोक का निर्णय 15 जुलाई 2011 को किया है।…
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छिंदवाड़ा : अडानी पेंच पॉवर प्लांट का पुरजोर विरोध

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के पास चौसरा गांव में 1320 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट अडानी ग्रुप लगाने जा रहा है।…

नीम का थाना क्षेत्र में जारी है जनसंघर्ष

राजस्थान व हरियाणा की सीमा पर अरावली पवर्तमालाओं के पहाड़ी क्षेत्र में नीम का थाना व उसके आस-पास कई गांव बसे…

गंगा एक्सप्रेस-वे एवं भूमि अधिग्रहण क्यों और किसके हित में

9-10 अप्रैल 2011 को कृषि-भूमि बचाओ मोर्चा, उ. प्र. के तत्वावधान में सर्व सेवा संघ, राजघाट, वाराणसी, उ. प्र. में दो दिवसीय विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा हुई- 1.            गंगा एक्सप्रेस-वे एवं भूमि अधिग्रहण क्यों और किसके हित में। 2.            देश में सेज की जरूरत क्यों और किसके हित में। 3.…
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जारी है भूमि-अधिग्रहण के खिलाफ संघर्षरत किसानों पर बर्बर दमन

उत्तर प्रदेश में भूमि-अधिग्रहण के मुद्दे पर किसानों तथा प्रशासन के टकराव की हिंसक घटनायें राज्य सरकार तथा केन्द्रीय सरकार के बर्बर रूप को दर्शाती हैं। ग्रेटर नोएडा से शुरू हुआ किसान आंदोलन अब उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी फैल चुका है। उत्तर प्रदेश में किसानों पर 2007 से अब तक आठ बार लाठी-गोली चल चुकी है और करीब दर्जन भर किसान मारे जा चुके हैं…
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