संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

जे.पी. पॉवर प्लांट के लिए अधिग्रहीत कृषि भूमि के खिलाफ संघर्ष जारी है…….

लिखित वादे से मुकरा जिला प्रशासन धमकी पर आमादा घायल किसान शहीद अपनी जीविका, जमीन तथा कृषि बचाने के लिए संघर्षरत करछना (इलाहाबाद, उ.प्र.) के किसानों का धरना, क्रमिक अनशन अपने 250 दिन पूरा करने जा रहा है। लेकिन सरकार, प्रशासन तथा कंपनी किसानों की सुनने के बजाय उनको आतंकित करने पर आमादा है। इस बीच आंदोलन के नये घटनाक्रम के तौर पर जो…
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तीन राज्यों के 80 गांवों/बस्तियों को जल समाधि देने एवं कनहर तथा पाँगन नदियों की…

उत्तर प्रदेश सरकार का यह विकास का मन्दिर नहीं स्वीकार लोगों को. ‘‘धरती मैया की जय’’ के नारे के साथ कनहर बचाओ…

नवलगढ़ के किसान आंदोलन में विभिन्न ताकतों की भूमिका पर रपट

तीन मुनाफ़ाख़ोर बनाम हज़ारों लोग: जंग जारी है लोग लड़ रहे हैं अपनी जमीनें बचाने की लड़ाई सरकारी शह पर सीमेण्ट कारखाने आमादा हैं लोगों को उजाड़ने के लिए एक आदमी बैंक में लाख रुपये जमा कराने जा रहा हो, कुछ लम्पट बदमाशों को पता चल गया और उन्होंने योजना बना ली कि इससे रुपये छीनने हैं, चाहे कोई उपाय किया जाये। क्या यह उचित है ? एक सुन्दर…
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किसानों का विधान सभा के समक्ष प्रदर्शन एवं धरना

नवलगढ़ के आंदोलनकारी किसान 16 मार्च 2011 को जयपुर शहर के 22 गोदाम पुलिया के नीचे एकत्रित होकर अपना जुलूस बनाकर…

जल विद्युत परियोजनाओं के विरुद्ध संघंर्ष जारी, प्रदर्शन कर आन्दोलनकारियों की…

उच्च न्यायालय के फैसले से मिला संबल अन्ततः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने टिहरी जिले की घनशाली तहसील में भिलंगना…

कारपोरेट, कंपनियों तथा भू-माफियाओं के सामने झारखण्ड सरकार ने टेके घुटने

छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट तथा संथाल परगना टेनेंसी एक्ट को सख्ती से लागू करने की मांग को लेकर जारी संघर्ष   सी.एन.टी. एक्ट को सख्ती से लागू करवाने के आदेश पर मुख्यमंत्री द्वारा रोक लगाने के खिलाफ झारखंड वासियों ने पूरे राज्य में  आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। झारखंड के कई जनसंगठनों ने दिसम्बर 2010 से मार्च 2011 तक लगातार राज्यपाल, राजभवन के…
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भूमि अधिग्रहण तथा प्रस्तावित योजना के बारे में जानकारी लेने की कोशिश सूचना अधिकार…

मित्तल विरोधी आंदोलन की जुझारू नेता, स्वतंत्र पत्रकार तथा आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच की नेता दयामनी बारला…

कांटी बांध : स्थानीय निवासियों, भू- स्वामियों को बताने तथा भूमि अधिग्रहण की सूचना देना भी जरूरी नहीं समझा सरकार ने

·         सर्वे करने गये लागों को खदेड़ा ग्रामीणों ने। ·         ठेकेदार की मशीनें की गयीं वापस। ·          जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन। एक आदिवासी की अगुवाई में चलने वाली झारखण्ड सरकार को एक ऐसे डैम के निर्माण को रोकने के लिए कहना पड़ा जिस डैम का निर्माण कार्य बिना किसी सूचना, भूमि की मापी, मुआवजे के दर के निर्धारण तथा मुआवजे के अग्रिम…
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